देशभर में सड़क हादसों से प्रतिदिन लगभग 400 से अधिक मौतें होती है | इसी बीच केरल से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें केरल के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने कहां कि केरल में सड़क हादसों में कमी का सबसे बड़ा कारण AI कैमरे है | दरअसल, पिछले दिनों केरल में कई सड़क हादसे हुए जिसके बाद परिवहन मंत्री के द्वारा वहां पर हर जगह एआई कैमरे स्थापित कर दिए गए | जिनकी रिपोर्ट जब सामने आई तो पता चला कि सड़क हादसों में इन AI कैमरों की वजह से कमी देखी गयी है |
क्या बोले परिवहन मंत्री एंटनी राजू?
आपको बता दें कि केरल के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने कहा है कि राज्य में ट्रैफिक के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले कैमरों के इस्तेमाल के बाद से सड़क हादसों में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित केरल प्रोजेक्ट के तहत राज्यभर में जो एआई कैमरे लगे हैं, उनकी रिपोर्ट देखी गई। राजू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि पांच जून से आठ जून तक इन कैमरों में 3 लाख 52 हजार 730 ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामले दर्ज हुए। उन्होंने कहा कि केल्ट्रॉन, जो कि इन उल्लंघन के मामलों का सत्यापन करता है, ने 19 हजार 790 केस सत्यापित किए हैं और परिवहन विभाग ने इसी के मद्देनजर 10,457 चालान जारी किए।
परिवहन मंत्री ने कहा कि केरल में हर दिन औसतन 12 मौतें सड़क हादसों में हो रही थी। लेकिन एआई कैमरे लगने के बाद अब यह संख्या 5 से 8 तक ही रह गई। उन्होंने यह भी कहा कि ड्राइवरों और आगे की सीटों पर बैठे पैसेंजर्स के लिए अनिवार्य सीट बेल्ट के नियम भी एक सितंबर से लागू कर दिए जाएंगे। अब तक ऐसे जो उल्लंघन पकड़े गए हैं, उनमें 7,896 पैसेंजर्स के सीट बेल्ट न पहनने के मामले हैं। वहीं, टू व्हीलर्स में हेलमेट न पहन के चलाने के 6,153 मामले पकड़े गए। इसके अलावा 715 ऐसे केस भी देखे गए, जिनमें बाइक के पीछे बैठे यात्री ने हेलमेट नहीं लगा रखा था।
कितने मामले हुए दर्ज?
यहि नहीं इन कैमरों में सरकारी गाड़ियों द्वारा ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के 56 मामले भी दर्ज हुए है । इनमें VIP कारों को भी नियम तोड़ते देखा गया। बता दें कि ऐसी गाड़ियों को अब तक 10 चालान जारी किए गए है। मंत्री ने कहा कि कैमरे लगाने वाली कंपनी को एआई कैमरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने केरल सरकार के इस सुरक्षित केरल प्रोजेक्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सीएम विजयन की सरकार ने इस अप्रैल में ही सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए इस 232 करोड़ रुपये प्रोजेक्ट को लॉन्च किया था। पांच जून से राज्य में इन कैमरों के संचालन का काम जारी है।