सामाजिक कार्यकर्ता और असम से विधायक अखिल गोगोई ने जेल से रिहा होने के बाद शुक्रवार को यानी आज कहा कि असम में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन को पुनर्जीवित किया जाएगा। नगांव में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान अखिल गोगोई ने कहा कि जब वह जेल में बंद थे तब आंदोलन के नेताओं ने राज्य के लोगों को धोखा दिया।
जेल से रिहा होने के 1 दिन बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र शिवसागर जा रहे गोगोई ने कहा, “अब जब मैं बाहर आ गया हूं, तो मैं लोगों को आश्वासन देना चाहता हूं कि सीएए विरोधी आंदोलन फिर शुरू होगा। किसी (अवैध) विदेशी को राज्य में रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी।” दिसंबर 2019 में सीएए के विरोध में हिंसक प्रदर्शन में कथित भूमिका के कारण गोगोई को करीब 19 महीने जेल में रहना पड़ा। उन्होंने हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव जेल में रहते हुए लड़ा और जीत हासिल की थी।
अखिल गोगोई ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार राज्य के लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं राज्य विधानसभा में बड़े बांधों और टोल गेट का मुद्दा उठाउंगा। अगर सरकार समुचित प्रतिक्रिया देने में नाकाम रही तो हमें प्रदर्शन का रास्ता चुनना होगा।” गुवाहाटी से करीब 400 किलोमीटर दूर शिवसागर के रास्ते में गोगोई को कई जगह रुकना पड़ा क्योंकि उनके समर्थक और स्थानीय लोग उनके स्वागत के लिये कतारबद्ध खड़े थे।
रायजोर दल के अध्यक्ष ने कहा, “जेल जा चुके मेरे जैसे व्यक्ति के लिए लोगों का यह प्यार साबित करता है कि मुझे गलत तरीके से बंद किया गया। भाजपा ने मुझे सलाखों के पीछे रखा और दूसरी बार जीत गई लेकिन यह फिर नहीं होगा। 2026 में एक नई सरकार बनाई जाएगी। आज से ‘भाजपा हटाओ’ आंदोलन शुरू होता है।” चुनाव जीतने के बाद गोगोई का यह पहला शिवसागर दौरा है।