डॉक्टरों पर टिप्पणी कर चौतरफा घिरे शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मंगलवार को सफाई दी। राउत ने कहा कि मैंने डॉक्टरों का अपमान नहीं किया है। वे जिस तरह से सेवा कर रहे हैं वह सराहनीय है। मेरा बयान डब्ल्यूएचओ के संदर्भ में था, जिसमें मेरा मतलब था कि COVID-19 महामारी नहीं हुई थी, अगर WHO ने कुशलता से काम किया होता।
इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की थाणे शाखा ने महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर संजय राउत के इस्तीफे की मांग की है। दरअसल, राउत ने अपने एक बयान में कहा था कि डॉक्टर कुछ नहीं जानते। उनसे ज्यादा कंपाउंडर जानते हैं। जिसके बाद से डॉक्टरों में नाराजगी है।
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शिवसेना नेता के इस बयान पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस ने कहा कि ‘‘मुझे नहीं मालूम कि किस संदर्भ में उन्होंने वह बयान दिया था। लेकिन मेरा मानना है कि कोविड-19 को देखते हुए इस तरह के बयान उचित नहीं हैं। हमारे चिकित्सक वास्तव में बहुत मेहनत कर रहे हैं। वे अपना जीवन खतरे में डाल रहे हैं और हमारे लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। बयान से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं।’’