महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाये गये आरोपों को मुंबई के एक बिल्डर ने बेबुनियाद बताया है। बिल्डर ने बुधवार को जांच आयोग के सामने दाखिल किये गये अपने हलफनामे में कहा देशमुख के खिलाफ लगाये गये आरोप ‘बेबुनियाद’ हैं तथा वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह की ‘बदले की कार्रवाई’ है।
सिंह एवं बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के विरूद्ध जबरन वसूली का मामला दर्ज करा चुके बिल्डर बिमल अग्रवाल ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल के नेतृत्व वाले एक सदस्यीय आयोग के सामने 26 पन्नों वाला हलफनामा दाखिल किया।
महाराष्ट्र सरकार ने इस साल मार्च में तत्कालीन गृह मंत्री एवं राकांपा नेता अनिल देशमुख के खिलाफ सिंह द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए इस आयोग का गठन किया था। अपने हलफनामे में बिल्डर ने बताया कि कैसे सिंह के कथित इशारे पर वाजे उनसे रंगदारी वसूलते थे।
अग्रवाल ने हलफनामे में कहा, ‘‘ बेबुनियाद आरोपों के साथ पत्र लिखने तथा देशमुख एवं राज्य सरकार पर हमला करने का पूरा प्रकरण सिंह एवं वाजे की बदले की कार्रवाई है। ’’ बिल्डर (48) ने आयोग से (परमबीर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गये पत्र में) लगाये गये सभी आरोपों को इंसाफ के हित में खारिज करने तथा सिंह, वाजे एवं अन्य के विरूद्ध प्रासंगिक कार्रवाई की सिफारिश करने की अपील भी की है।
जांच आयोग के सामने अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी। बिल्डर की शिकायत पर गोरेगांव पुलिस ने पिछले सप्ताह परमबीर सिंह के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी। सिंह के खिलाफ यह चौथा और मुंबई में दूसरा ऐसा मामला है। दो अन्य मामले ठाणे में दर्ज किये गये। ये सारी प्राथमिकी एक महीने के अंदर दर्ज की गयीं।
इस मामले में वाजे और चार अन्य –सुमित सिंह उर्फ चिंटू, अल्पेश पटेल, विनय सिंह उर्फ बबलू और रियाज भाटी को आरोपी बनाया गया है। अग्रवाल की शिकायत के अनुसार आरोपियों ने दो बारों एवं रेस्तराओं पर छापा नहीं मारने के एवज में उनसे नौ लाख रूपये लिए और करीब 2.92 लाख रूपये मूल्य के दो स्मार्टफोन खरीदने के लिए बाध्य किया।
यह घटना जनवरी, 2020 और मार्च, 2021 के दौरान हुई। दोनों बार एवं रेस्तरां बिल्डर साझेदारी में चलाता है। परमबीर सिंह फिलहाल पुलिस महानिदेशक (होमगार्ड) हैं लेकिन वह कार्यालय नहीं आ रहे हैं क्योंकि वह चिकित्सा अवकाश पर हैं। दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के समीप एक वाहन मिला था जिसमें विस्फोटक थे।
उस मामले में सचिन वाजे की गिरफ्तारी हुई और उसके बाद मार्च में परमबीर सिंह को मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया। बाद में परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में दावा किया कि देशमुख पुलिस अधिकारियों से मुंबई में रेस्तरां एवं बार मालिकों से पैसा ऐंठने के लिए कहते थे। देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया है।