केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को तमिल भाषा और संस्कृति की सराहना की और इसे ''मधुर'' करार दिया। इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल नहीं सीख पाने पर अफसोस जताया था।
तमिलनाडु के विल्लुपुरम और पुडुचेरी के कराईकल में पार्टी की ''विजय संकल्प रैली'' को संबोधित करते हुए शाह ने भीड़ से माफी मांगी तथा कहा कि वह अपना संबोधन तमिल में नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि अगर वह ऐसा कर पाते तो बहुत अच्छा होता।
उन्होंने कहा, '' सबसे पहले मैं माफी मांगना चाहता हूं कि मैं देश की सबसे पुरानी भाषा में संबोधित करने में समर्थ नहीं हूं जो बेहद मधुर है। महान तमिल संस्कृति के बिना भारतीय संस्कृति अधूरी है।''
शाह ने कहा कि तमिलनाडु ने ऐसे ''महान लोग'' दिए हैं जिन्होंने देश का नाम वैश्विक स्तर पर रौशन किया है।
उन्होंने कहा, '' देश तमिल और उसकी संस्कृति का सम्मान करता है।''
शाह ने प्रधानमंत्री द्वारा तमिल भाषा के संबंध में दिए गए बयान का भी उल्लेख किया।