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अमित शाह का आरोप- कांग्रेस ने हमेशा जनजाति समाज का लिया वोट, लेकिन उनके लिए कभी कुछ नहीं किया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा जनजाति समाज का वोट लिया, लेकिन उनके कल्याण के लिए कभी कुछ नहीं किया, जबकि भाजपा हमेशा जनजातियों के कल्याण के लिए कटिबद्ध है और हमेशा इसके लिए प्रयासरत है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा जनजाति समाज का वोट लिया, लेकिन उनके कल्याण के लिए कभी कुछ नहीं किया, जबकि भाजपा हमेशा जनजातियों के कल्याण के लिए कटिबद्ध है और हमेशा इसके लिए प्रयासरत है।
आजादी के अमृत महोत्सव पर मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्वतंत्रता आंदोलन में अपना अतुलनीय योगदान देने वाले जनजातीय नायकों के सम्मान में आयोजित ‘जनजातीय गौरव समारोह’ को संबोधित करते हुए शाह ने यह बात कही। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जनजाति के लिए वार्षिक बजट 2013-14 में 4,200 करोड़ रुपये था। 2021-22 में इस बजट को बढ़ाकर 7,900 करोड़ रुपये, यानी करीब दोगुना करने का काम मोदी सरकार ने किया है।’’
शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस के जमाने में नौ राज्यों की केवल 10 वन उपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तहत कवर किया गया है। मोदी सरकार आने के बाद सभी राज्यों की 49 उपजों को एमएसपी पर खरीदने की शुरुआत हुई है।’’ उन्होंने कहा कि बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलेगी, तो संविधान प्रदत्त अधिकारों को वो जान पाएंगे। संविधान ने जो कर्तव्य दिए हैं, उनको वो जान पाएंगे। इसके लिए बहुत जरूरी है कि उनको अच्छी शिक्षा मिले।
शाह ने कहा कि इसलिए मोदी ने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का मॉडल अपनाकर प्रत्येक आदिवासी बहुल ब्लॉक में एक आवासीय विद्यालय बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की सरकार चाहे केंद्र में हो या राज्य में, ये वंचितों के लिए काम करने वाली सरकार है। ये जनजाति के कल्याण के लिए समर्पित सरकार है।’’
शाह ने कहा कि हमने जनजातीय भाइयों को घर दिया है, घर में बिजली व शौचालय दिया है। अब घरों में पानी पहुंचा रहे हैं। साथ ही उन्हें पांच लाख रुपये तक के मुफ्त उपचार का लाभ दिया है। शाह ने आजादी के अमृत महोत्सव पर देश और धर्म की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति देने वाले जनजातीय नायक अमर शहीद राजा शंकर शाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह के 164वें बलिदान दिवस पर आज जबलपुर के मालगोदाम चौक पहुंचकर यहां स्थापित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में राजा शंकर शाह व कुंवर रघुनाथ शाह ने अपने साहस से जन-जन में स्वाधीनता की अलख जगाई, जिसके लिए अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें तोपों से बांधकर उनकी निर्मम हत्या कर दी। आज उनके बलिदान दिवस पर जबलपुर में दोनों वीरों की प्रतिमाओं को नमन कर पुष्पांजलि अर्पित की।
शाह ने कहा, ‘‘मातृभूमि के लिए राजा शंकरशाह व कुंवर रघुनाथ शाह जी का बलिदान हमें सदैव प्रेरणा देता रहेगा। पहले की सरकारों ने ऐसे कई महान वीरों विशेषकर जनजातीय नायकों की निरंतर उपेक्षा की लेकिन आज नरेंद्र मेादी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकारें उनके सम्मान को पुनर्स्थापित करने के लिए कटिबद्ध हैं।’’ उन्होंने कहा कि 1857 में शुरू हुई हमारी आजादी की क्रांति की लड़ाई 15 अगस्त 1947 को समाप्त हुई। तबसे आज तक 75 वर्ष तक इस देश को अलग-अलग समय पर अलग-अलग लोगों ने आगे बढ़ाया है।
शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये संकल्प लिया है कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाएंगे और देश के गुमनाम महानुभावों के बलिदान को, उनकी स्मृतियों को पुनर्जीवित करेंगे, क्योंकि इतिहास में उनका नाम नहीं लिखा गया।’’ उन्होंने कहा कि देश भर में कई जिलों में, कई प्रदेशों में ऐसे अनेकानेक वीर बलिदानी हैं, जिनको इतिहास में स्थान नहीं मिला, उचित सम्मान नहीं मिला। काल उसको भुला सकता है क्या? उनके बलिदान को हम भुला देंगे क्या?

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