केंद्रीय गृह मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह अगले साल होने वाले असम विधानसभा चुनावों के लिए सत्तारूढ़ भगवा पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान को शनिवार को औपचारिक रूप से गुवाहाटी में शुरू किया। वहीं गृह मंत्री ने असम में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि असम में लगभग साढ़े 4 साल से असम के अंदर जो विकास की यात्रा मोदी जी के नेतृत्व में यहां सर्वानंद सोनोवाल और हेमंत विश्वा शर्मा की जोड़ी ने आगे चलाई है, इसका एक महत्वपूर्ण पड़ाव आज है।
उन्होंने कहा कि मोदी जी ने 2013 के चुनाव अभियान में कहा था कि जब तक पूर्वी भारत विकसित नहीं होता, भारत का विकास असंभव है। 2014 में देश की जनता ने मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया, मोदी जी के जो शब्द थें, उसको उन्होंने चरितार्थ किया है। अमित शाह ने कहा कि पूर्वी भारत में कभी आंदोलन और हिंसा हुआ करती थी। अलग-अलग समूह हाथ में हथियार लिये दिखते थे, आज वो सारे मुख्यधारा के साथ जुड़े दिखते हैं। एक बहुत बड़े परिवर्तन की शुरुआत नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हुई है।
उन्होंने कहा कि मुझे आज बहुत आनंद है कि श्रीमंत शंकरदेव का जो जन्मस्थान था, वो घुसपैठियों ने कब्जाया हुआ था। उसे खाली करके आज शंकर देव की महान स्मृति को चीर काल तक स्थायी करने का काम हेमंत बिस्वा शर्मा और हमारे मुख्यमंत्री जी करने जा रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने पूर्वाेत्तर के विकास को केंद्र में रखकर 6 साल तक सरकार चलाई है, आगे भी हमारी सरकार पूर्वाेत्तर की सेवा करती रहेगी। 5 साल में कभी-कभी कोई प्रधानमंत्री पूर्वाेत्तर आ जाए तो आए जाए, मोदी जी ने 6 साल में 30 बार पूर्वाेत्तर का दौरा किया और हर बार तोहफा लेकर आए।
उन्होंने कहा कि एक जमाने में यहां के सारे राज्यों में अलगाववादी अपना एजेंडा चलाते थे, युवाओं के हाथों में बंदूक पकड़ाते थे। अमित शाह ने कहा कि आज वो सभी संगठन मुख्य प्रवाह में शामिल हो गए हैं और आज युवा अपने नए स्टार्टअप के साथ विश्व भर के युवा के साथ स्पर्धा करके अपने अष्टलक्ष्मी को भारत की अष्टलक्ष्मी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि मुझे ये कहते हुए खुशी हो रही है कि देश मे कोरोना का सामना करने में असम सबसे ऊपर के राज्यों में रहा है। टेस्टिंग के मामले में ये आगे रहा। यहां मृत्यु दर भी .47 % रही। उन्होंने कहा कि भूपेन हजारिका न केवल असम बल्कि पूरे उत्तर पूर्व के साहित्य और कला के प्रतीक बनकर देश मे रहे हैं। मगर उन्हें कोई सम्मान नहीं मिला। नरेन्द्र मोदी जी ने भूपेन हजारिका जी को भारत रत्न देकर हमारे साहित्य और कला को आगे बढ़ाने का काम किया है।