गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरे की शुरुआत में अमित शाह ने कोलकाता के रामकृष्ण मिशन आश्रम में स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी और पूजा की।
जिसके बाद गृह मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज मेरे लिए सौभाग्य और आनंद का विषय है कि मैं उस जगह पर आया हूं जो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतना जागृत करने की जगह है। स्वामी जी वो शख्सियत थे जिन्होंने आधुनिकता और अध्यात्म को जोड़ने का काम किया। मैं यहां से नई चेतना प्राप्त करके जा रहा हूं।”
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने मिदनापुर के सिद्धेश्वरी मंदिर में पूजा की। जिसके बाद अमित शाह ने पश्चिमी मिदनापुर में खुदीराम बोस के जन्मस्थान पर उन्हें श्रद्धांजलि दी, उनके परिवार के सदस्यों से मिले और उन्हें सम्मानित किया।
अमित शाह ने इस दौरान कहा कि वीर शहीद खुदीराम बोस के जन्मस्थान पर आकर यहां की मिट्टी को कपाल पर लगाने का सौभाग्य मिला। स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल और बंगाली सपूतों का योगदान भारत कभी भूला नहीं सकता और खुदीराम बोस इसी परंपरा के वाहक थे।
उन्होंने कहा कि बंगाल के अंदर जो ओछी राजनीति करते हैं मैं उनको बताने आया हूं कि खुदीराम बोस जितने बंगाल के थे, उतने ही पूरे भारत के थे और पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जितने UP के थे उतने ही बंगाल के थे। भारत की आज़ादी के लिए लड़ने वालों ने कभी इस प्रकार की ओछी राजनीति की कल्पना नहीं की होगी।