केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों का विरोध करने वाले इन दलों के नेताओं और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भाषा एक क्यों हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने मध्यप्रदेश के जबलपुर में सीएए के समर्थन में बीजेपी की ओर से आयोजित जनसभा को संबोधित किया।
इस अवसर पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव और पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे। अमित शाह ने कहा कि जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 और धारा 35 (ए) हटाकर जम्मू-कश्मीर को हमेशा हमेशा के लिए भारत का हिस्सा बना दिया। तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी समेत सभी विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया और कहा कि यह कश्मीरियों के खिलाफ है।
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उस समय भी इसी तरह की भाषा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की थी। अमित शाह ने कहा कि यही नहीं ट्रिपल तलाक, राम मंदिर और अब सीएए को लेकर भी ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत सभी विपक्षी दलों के सुर मिलते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का सुर भी इसी तरह का है। उन्होंने ऐसे लोगों को‘झूठे’बताते हुए कहा कि राष्ट्रवादी एजेंडा का विरोध करने वाले लोगों को देश की आम जनता को सबक सिखाना चाहिए।
उन्होंने कहा, जेएनयू में कुछ लड़को ने भारत विरोधी नारे लगाए, उन्होंने नारे लगाए ‘भारत तेरे टुकड़े हो एक हज़ार, इंशाल्लाह इंशाल्लाह’। उनको जेल में डालना चाहिए या नहीं डालना चाहिए? जो देश विरोधी नारे लगाएगा उसका स्थान जेल कि सलाखों के पीछे होगा। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अमित शाह ने कहा, भारत पर जितना अधिकार मेरा और आपका है, उतना ही अधिकार पाकिस्तान से आए हुए हिन्दू, सिख, बुद्धिस्ट, क्रिस्चियन शरणार्थी का है।