देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा का वर्ष 2019-20 का बजट सत्र राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के अभिभाषण, विपक्ष की नारेबाजी और बहिष्कार के साथ शुरू हुआ। राज्य की विधानसभा में परंपरा के विपरीत प्रात: 10.55 बजे बजट सत्र की कार्यवाही शुरू हुई। राष्ट्रगान के बाद लगभग 10.56 मिनट पर राज्यपाल ने अभिभाषण शुरू किया। अभिभाषण शुरू होते ही विपक्षी कांग्रेस ने निर्धारित समय से पहले सदन शुरू किए जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुये हंगामा शुरू कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि यह संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने हरिद्वार के रुड़की में जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मृत्यु पर चिंता व्यक्त करते हुये मुख्यमंत्री त्रिवेन्द, सिंह रावत और आबकारी मंत्री प्रकाश पंत से इस्तीफा देने की मांग की। विपक्ष के हंगामे के दौरान श्रीमती मौर्य ने अपना अभिभाषण जारी रखा।
शोर-शराबे के कारण उनकी आवाज सुनी नहीं जा सकी। विपक्ष के सदस्यों ने सदन के बीचोंबीच आकर ‘मौत की सौदागर सरकार शर्म करो’ के नारे लिखे पोस्टर हवा में लहराए और फिर नारे लगाते हुये सदन से बाहर चले गये। राज्यपाल का अभिभाषण समाप्त होते ही राष्ट्रगान हुआ। इसके बाद पुन: एक नई परम्परा बनाते हुये बिना सूचना के पीठ अध्यक्ष अपनी पीठ से प्रस्थान कर गये। बाद में सत्ता पक्ष के सदस्य एक-दूसरे से सदन के स्थगन का समय सीमा पूछते देखे गये।
बाद में पुन: सदन की कार्यवाही तीन बजे होने की जानकारी दी गई। राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा कि सरकार की ओर से जनसामान्य की सुविधा के लिए वेबसाइट बनाई गई। राज्य के नियोजित विकास के लिए विजन 2030 तैयार किया गया है। उत्तराखंड राज्य के आर्थिक विकास में उधोग क्षेत्र का मेहत्वपूर्ण योगदान है। भारतीय सेना एवम अर्धसैनिक बलों के शहीद सैनिकों के आश्रितो को राज्याधीन सेवाओं में नौकरी देना सरकार की प्राथमिकता है।
15 फरवरी को इस वित्तीय वर्ष का बजट सदन में पेश किया जाएगा। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विधान सभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत, नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश, गोविंद सिंह कुंजवाल, प्रीतम सिंह मौजूद थे।
– सुनील तलवाड़