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सुशांत मामले पर बोले अनिल देशमुख- अचानक CBI को सौंपा गया केस, हमें भी नतीजे का बेसब्री से इंतजार

अनिल देशमुख ने कहा कि “सुशांत मामले की जांच मुंबई पुलिस पेशेवर रूप से कर रही थी लेकिन इसे अचानक सीबीआई को सौंप दिया गया। अब हम भी बड़ी बेसब्री से सीबीआई के जांच के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं।”

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत के मामले में राजनीति थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एक बार फिर सुशांत केस को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सुशांत मामले में जांच मुंबई पुलिस कर रही थी लेकिन इसे अचानक सीबीआई को सौंप दिया गया, अब हम भी बेसब्री से जांच के परिणाम का इंतजार कर रहे है।
अनिल देशमुख ने कहा कि “सुशांत मामले की जांच मुंबई पुलिस पेशेवर रूप से कर रही थी लेकिन इसे अचानक सीबीआई को सौंप दिया गया। अब हम भी बड़ी बेसब्री से सीबीआई के जांच के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। लोग पूछते हैं कि क्या वह आत्महत्या करके मर गए या उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि हम जांच के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के वकील विकास सिंह ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राजपूत की मौत मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की गति अचानक धीमी हो गई है और पूरा ध्यान मादक पदार्थ संबंधी मुद्दों की ओर केंद्रित हो गया है। सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘आज हम असहाय हैं क्योंकि हमें नहीं पता कि मामला किस दिशा में जा रहा है। सामान्य तौर पर संवाददाता सम्मेलन सीबीआई द्वारा किया जाता है। लेकिन इस मामले में आज तक सीबीआई ने इस बारे में कोई भी प्रेस ब्रीफिंग नहीं की कि उन्हें क्या मिला है। यह बहुत गंभीर मुद्दा है।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) टीम का हिस्सा रहे एक चिकित्सक ने उन्हें ‘‘बहुत पहले’’ बताया था कि राजपूत की तस्वीरें-जो स्वयं अधिवक्ता ने भेजी थीं- संकेत देती हैं कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि कथित तौर पर गला दबाकर की गई हत्या थी। जहां तक मादक पदार्थ के कोण का सवाल है, अधिवक्ता ने दावा किया कि ऐसा मामला तभी बनाया जा सकता है जब कुछ मात्रा में मादक पदार्थ किसी से जब्त किया जाए।
सिंह ने आरोप लगाया कि मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) मीडिया का ध्यान बंटाने के लिए बॉलीवुड के सितारों की एक ‘‘फैशन परेड’’ करा रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई अपराध तब तक साबित नहीं किया जा सकता जब तक कुछ मात्रा में प्रतिबंधित मादक पदार्थ बरामद नहीं होता। मामला केवल अनियत ग्राहक का बनता है और किसी को दोषी साबित करना लगभग असंभव है।’’ राजपूत (34) का शव 14 जून को उपनगर बांद्रा में उनके अपार्टमेंट में लटका मिला था। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

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