झारखंड के दुमका में 12वीं की स्टूडेंट अंकिता सिंह को जलाकर मार डालने के बाद से इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस बीच एसडीपीओ नूर मुस्तफा को आरोपी शाहरुख को बचाने का आरोप के बाद हटा दिया गया है, हालांकि उनके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।
दुमका एसपी अंबर लकड़ा ने जानकारी देते हुए कहा कि एसडीपीओ नूर मुस्तफा को मामले की निगरानी से हटा दिया गया है। उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। अब मामले की जांच निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी करेंगे, जिसकी निगरानी एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे।
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दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री औरबीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करके कहा था, ‘खबरों के मुताबिक़ दुमका में अंकिता को जलाये जाने के मामले में वहां के डीएसपी नूर मुस्तफा ने शुरू से ही अभियुक्त शाहरुख हुसैन को बचाने का प्रयास किया, एफआईआर में नाबालिग की जगह बालिग लिखवा दिये जाने की बात खबरों में आ रही है।
बता दें कि दुमका के जरुआडीह मुहल्ले की रहने वाली अंकिता सिंह को उसी मौहल्ले में रहनेवाला शाहरुख नामक युवक पिछले कुछ महीनों से परेशान कर रहा था। उसने उसका मोबाइल नंबर कहीं से हासिल कर लिया था और उसे फोन पर बात करने और शादी के लिए दबाव डाल रहा था। अंकिता ने घरवालों ने एक बार शाहरूख को समझाया भी था, लेकिन उसकी हरकतें बंद नहीं हुईं।
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बीते 22 अगस्त की रात उसने अंकिता को फोन पर उसे जान से मारने की धमकी दी और कुछ ही घंटे बाद मंगलवार सुबह पांच जब घर के सभी लोग सो रहे थे, तभी शाहरुख ने कमरे में अकेले सो रही अंकिता पर खिड़की के जरिए पेट्रोल छिड़का और उसके बाद आग लगा दी। जलती हुई अंकिता ने शोर मचाया तो घर के लोग जागे। उसने खिड़की से शाहरुख को पेट्रोल का केन लेकर भागते हुए देखा।