अंकिता मर्डर केस में विशेष जांच दल को एक बड़ा सबूत हाथ लगा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विशेष जांच दल को कड़ी तहकीकात करने के बाद चिल्ला बैराज से एक मोबाइल बरामद हुआ है। हो सकता है कि यह मोबाइल अंकिता को फिलहाल इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं कि गई है। वहीं सूत्रों के अनुसार एसआईटी अंकिता हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ को मौके पर घटना स्थल ला सकती है।
वहीं, अंकिता भंडारी हत्याकांड कि जांच कर रही एसआईटी पर भी लगातार सवाल खड़े हो रहे है। वकील अरविंद का कहना है किअंकिता भंडारी हत्याकांड में राज्य की धामी सरकार द्वारा गठित एसआईटी इसी सरकार के अंतर्गत आती है। गठित कि गई SIT का कोई औचित्य नहीं है।
समय से विधिवत एसआईटी बनाकर जांच करनी चाहिए
बता दें, इस जांच दल में पुलिस उप महानिदेशक कानून व्यवस्था पी रेणुका देवी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शेखर चंद्र सुयाल, निरीक्षक राजेंद्र सिंह खोलिया, साइबर अपराध से दीपक अरोड़ा, अमरजीत शामिल हैं. उनका विभाग सरकार के नियंत्रण में आता है, इसलिए स्वतंत्र रूप से जांच नहीं की जा सकती है। अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि इस एसआईटी पर सरकार के प्रभाव का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। सरकार को अभी भी एक सेवानिवृत्त न्यायधीश की अध्यक्षता में मामले की समय से विधिवत एसआईटी बनाकर जांच करनी चाहिए, ताकि मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो सके।
अंकिता की रिजॉर्ट संचालक नियोक्ता ने की हत्या
बता दें, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 28 सितम्बर को अंकिता भंडारी के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उत्तराखंड के पौड़ी के एक resort में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की कथित रूप से उसके रिजॉर्ट संचालक नियोक्ता ने हत्या कर दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दे दिये गये हैं। राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी और मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच की जा रही है और निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी।