पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे ही राज्य में सियासी हलचल तेज होती जा रही है। पहले टीएमसी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी का दामन छोड़कर भाजपा का दामन पकड़ा। 19 दिसंबर को भाजपा में आने से पहले शुभेंदु अधिकारी ममता सरकार में मंत्री थे। अब शुभेंदु अधिकारी का पूरा परिवार भाजपा में शामिल होने जा रहा है। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि उनके पिता और भाई जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे। वे दोनों फिलहाल टीएमसी से सांसद है।
24 परगना में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के एक टिप्पणी पर जवाब दिया। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जब वह अपने घर में कमल नहीं खिला सकते तो पूरे राज्य में कमल खिलाने की बात कैसे कह सकते है। इसी पर शुभेंदु ने कहा कि अभी बहुत समय है। अभी रामनवमी नहीं मनाई गई है, मेरे परिवार में कमल खिलेगा। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मैं यह देखूंगा कि 30बी हरीश चटर्जी स्ट्रीट में आपके परिवार में कमल खिलेगा।
इस रैली में शुभेंदु ने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्र की योजनाओं के नाम बदलकर राज्य में चलाती है और दावा करती है कि ममता प्रशासन ने इस योजना को चालू किया है। उन्होंने कहा कि तृणमूल अपने नेतृत्व केवल कलकता तक ही सीमित रखती है लेकिन ग्रामीण इलाकों की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता। तृणमूल के 21 लोकसभा सांसदों में से 10 और अधिकतक मंत्री कोलकाता से ही है। बता दें कि सिसिर अधिकारी और उनके तीनों बेटों का मिदनापुर क्षेत्र में कमाल का कंट्रोल है। ऐसे में अगर शुभेंदु का परिवार भाजपा का दामन पकड़ता है तो यह ममता बनर्जी के लिए और बड़ा झटका होगा।
दरअसल, पूर्वी मेदनीपुर जिले से शुभेंदु के पिता सिसिर अधिकारी और भाई दिब्येंदु टीएमसी के सांसद हैं। शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार ने पूर्वी मिदनापुर में टीएमसी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अधिकारी का परिवार राजनीतिक रूप से काफी मजबूत है और इस जिले में आने वाली ज्यादातर विधानसभा सीटों पर अपनी मजबूत पकड़ रखते है। कांथी और तमलुक लोकसभा सीटों और इस जिले में 78 वर्षीय सिसिर अधिकारी और उनके तीन बेटों का 2009 से ही गजब कंट्रोल है। सिसिर अधिकारी टीएमसी के सबसे वरिष्ठ लोकसभा सदस्य है, जो कांथी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते है।
शुभेंदु अधिकारी के भाई दिब्येंदु तमलुक से लोकसभा सदस्य है, जबकि तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे सौम्येंदु कांथी नगर पालिका के अध्यक्ष थे, मगर मंगलवार को टीएमसी ने उन्हें पद से हटा दिया। उनकी नकी जगह अब सिद्धार्थ मैती को यह जिम्मेदारी दी गई है। तृणमूल कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं ने आरोप लगाया है कि सौम्येंदु शहर प्रशासक के पद से भाजपा के लिए काम कर रहे थे।