समाजसेवी नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामला में सीबीआई ने एक नया बड़ा खुलासा किया है। बता दे की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर दाभोलकर की हत्या कर दी गई थी तभी से जांच में जुटी सीबीआई के हाथ नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में बड़ा सुराग लगा है। जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार सीबीआई को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में खाड़ी क्षेत्र से पिस्तौल मिली है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दाभोलकर की हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल खोजने और उसे ठीक करने के लिए एक विदेशी समुद्री खोजकर्ता एजेंसी से सहायता ली। सीबीआई ने पुणे की एक अदालत में दावा पेश किया था कि आरोपी शूटरों में से एक शरद कालस्कर ने हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल को तोड़कर ठाणे की खाड़ी में फेंक दिया था।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘तलाशी अभियान के दौरान एक पिस्तौल बरामद किया गया है। पिस्तौल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि यह वही पिस्तौल है, जिससे दाभोलकर की हत्या की गई थी। इस बात का खुलासा फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद होगा।’’
उन्होंने बरामद हथियार के बारे में कोई और जानकारी देने से इनकार कर दिया। वकील संजीव पुनालकर ने शरद कालस्कर को हत्या में इस्तेमाल हथियार को नष्ट करने की सलाह दी थी। संजीव पुनालकर भी इस मामले के आरोपियों में से एक है जिसे गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह जमानत पर है। गिरफ्तार होने से पहले कई मामलों में पुनालकर सनातन संस्था के सदस्यों और कार्यकर्ताओं के वकील थे।
सीबीआई ने दावा किया था जांच के दौरान यह पता चला कि कालस्कर जून 2018 में पुनालकर के पास गए थे और उन्हें दाभोलकर की हत्या में अपनी भूमिका के बारे में बताया। पुणे अदालत के समक्ष सीबीआई ने दावा किया, ‘‘पुनालकर ने कालस्कर को पत्रकार गौरी लंकेश (बेंगलुरु में) समेत कई लोगों की हत्याओं में इस्तेमाल किए गए हथियारों को नष्ट करने की सलाह दी।” एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि 23 जुलाई, 2018 को कालस्कर ने चार देसी पिस्तौलों को नष्ट कर पुणे से नालासोपारा जाते समय ठाणे में एक खाड़ी में फेंक दिया।