तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में समाज सुधारक ई. वी. रामास्वामी ‘‘पेरियार’’ की एक प्रतिमा पर असामाजिक तत्वों ने भगवा रंग डालकर इसे विरूपित कर दिया। मामला सामना आने पर राज्य के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रतिमा के पास से पुलिस ने चप्पलें भी बरामद की हैं। पुलिस ने प्रतिमा को विरूपित और क्षतिग्रस्त करने को लेकर एक मामला दर्ज किया गया है।
तमिलनाडु के उप मुख्मयंत्री ओ पनीरसेल्वम ने घटना की निंदा करते हुए इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ”इस घटना में शामिल असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
द्रमुक नेता तथा पार्टी की लोकसभा सांसद कनिमोझी ने इस घटना को लेकर बीजेपी की राज्य इकाई पर निशाना साधते हुए इसके प्रमुख एल मुरुगन के बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी को 17 सितंबर को पेरियार की जयंती पर बधाई देने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।
कनिमोझी ने पूछा कि क्या वह यही सम्मान दिखाना चाहते थे। कनिमाई के बयान पर पलटवार करते हुए मुरुगन ने कहा कि उनके शब्दों में ”राजनीतिक चालबाजी” दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि मामले की पुलिस जांच जारी है। इससे पहले, द्रमुक प्रमुख एम. के. स्टालिन समेत अन्य नेताओं ने हालिया कुछ महीनों में राज्य में हुई ऐसी दूसरी घटना की निंदा की है।
इससे पहले, कोयंबटूर में भी पेरियार की प्रतिमा पर भगवा रंग पुता हुआ मिला था। इस घटना के खिलाफ स्थानीय लोगों ने कुछ देर के लिए डिंडिगुल राजमार्ग पर यातायात रोक दिया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें वहां से हटाया। स्टालिन ने प्रतिमा को विरूपित करने की निंदा करते हुए लोगों से ऐसी हरकतें करने वालों का ”बहिष्कार” करने की अपील की।
उन्होंने बिना किसी का नाम लिए फेसबुक पोस्ट में लिखा, ”उन लोगों को कब इस बात का एहसास होगा कि अगर वे बार-बार इसी तरह की हरकत करेंगे, तो लोग उनका और अधिक बहिष्कार करेंगे। पेरियार केवल एक आंदोलन के नेता भर नहीं हैं। वह तमिल पहचान के नेता हैं। जो लोग ऐसी हरकतें करके ये सोचते हैं कि हमने उनका (पेरियार का) अपमान किया है, वे खुद को अपमानित कर रहे हैं।”
स्टालिन के अलावा पीएमके नेता एस रामदास, एमडीएमके के संस्थापक तथा राज्यसभा सदस्य वाइको और एएमएमके नेता तथा निर्दलीय विधायक टीटीवी दिनाकरन ने भी इस घटना की निंदा की है।