कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू आजादी की लड़ई के पुरोधा है जिन्होने प्रेम, सौहार्द और सहयोग से देश को आगे बढ़ाया और लोकतंत्र की स्थापना की।
हरियाणा के कैथल में बीजेपी विधायक लीलाराम गुर्जर के वायरल वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अनुग्रह नारायण सिंह ने शुक्रवार को कहा ‘‘ गुर्जर कहते हैं कि ‘यह गांधी और नेहरू का देश नहीं बल्कि मोदी और शाह का देश’ है। वास्तव में गांधी और नेहरू की किसी से तुलना ही नहीं की जा सकती। आजादी के बाद उन्होने प्रेम, सौहार्द और सहयोग से देश को आगे बढ़ाया और लोकतंत्र स्थापित किया।’’
उन्होने कहा ‘‘पंडित नेहरू यदि आजादी के आंदोलन के दिनों में महात्मा गांधी के सिपाही नहीं होते तो स्वतंत्रता आदोलन का नक्शा अलग होता। नेहरू और गांधी के सहयोग ने आजादी के आंदोलन के ताने-बाने को एक अछ्वुत सत्ता दी। गांधी के जादू और नेहरू के तिलस्म से जुड़कर न जाने कौन सा ब्रह्मास्त्र बन गया जिसने देश से अंग्रेजों को उखाड़ फेंका। उनकी तुलना आज के राजनीतिक जोड़तोड़ से कीजिए, तो फर्क स्वत: समझ में आ जाएगा।’’
अनुग्रह नारायण सिंह ने बीजेपी को दोहरे चरित्र का बताते हुए कहा कि इस पार्टी के नेता दिल्ली के रामलीला मैदान में कुछ और लीला दिखाते हैं और उनके जनप्रतिनिधि क्षेत्र में दूसरी लीला दिखा कर अल्पसंख्यकों को धमकाते फिरते हैं। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ यह दावा कर रही है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) भारतीय मुसलमानों को कोई खतरा नहीं।
वह अपने प्रतिनिधियों से सीएए और एनआरसी कानून को लेकर लोगों के बीच में जाकर उन्हें जागरूक करने का अभियान चलाने की सलाह दी है। हरियाणा स्थित कैथल विधायक लीलाराम गुर्जर का पिछले दिनो सोशल मीडिया पर एक विवादित वीडियो वायरल हुआ था जिसको लेकर कांग्रेस ने आक्रामक तेवर अख्तियार कर रखे है। उन्होने कहा कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) में कोई अन्तर नहीं है। यह एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। आरएसएस तब भी लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता था जब गांधी और नेहरू देश को आजादी दिलाने के लिए लड़ रहे थे और आज भी नहीं करता।