कोरेगांव भीमा आयोग के समक्ष एक व्यक्ति ने एक आवेदन दायर किया है, जिसमें उनसे एनसीपी प्रमुख शरद पवार को बुलाने का अनुरोध किया है। आयोग उन कारणों की पूछताछ कर रहा है जिसके कारण महाराष्ट्र में 2018 भीमा कोरेगांव हिंसा हुई थी।
इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को भीमा कोरेगांव मामले की जांच पुणे पुलिस से राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपे जाने की बात को गलत ठहराया था। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस में से कुछ लोगों का व्यवहार आपत्तिजनक था जो उन्हें पसंद नहीं आया। उन्होंने कहा मैं चाहता हूं कि इन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो। शरद पवार ने कहा था कि सुबह पुलिस अधिकारियों के साथ महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों की बैठक हुई थी।
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इसके बाद दोपहर तीन बजे केंद्र ने मामले को जांच एजेंसी को सौंप दिया। यह संविधान के अनुसार गलत है, क्योंकि अपराध की जांच राज्य का अधिकार क्षेत्र है। बता दें, शरद पवार खुलेआम बीजेपी सरकार पर इस मामले में बात छुपाने का आरोप लगा रहे हैं। पवार चाहते हैं कि जब राज्य सरकार की एसआईटी समानांतर जांच चलेगी, तो केंद्र सरकार की एजेंसी एनआईए पर निष्पक्ष जांच का दबाव रहेगा।