देहरादून : उत्तराखंड सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश करने वालों को जमीन खरीदने की अनुमति या लीज पर उपलब्ध कराएगी। मंत्रिमंडल की लोकसभा चुनावों के पश्चात हुई पहली बैठक में लिये गये कई महत्वपूर्ण निर्णय में यह निर्णय भी शामिल है। मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल पन्द्रह महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।
शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने यहां बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि अब उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्यान, पर्यटन से सम्बन्धित भूमि 12.5 एकड़ से अधिक भूमि के क्रय एवं लीज की अनुमति दी जाएगी। मैदानी क्षेत्रों में यह सुविधा किसी क्षेत्र के लिए नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत नियोक्ता की अविधान राशि को 10 प्रतिशत से बढ़ कर 14 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे राज्य सरकार पर लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़गा।
उन्होंने बताया कि राज्य विद्युत नियामक आयोग की वर्ष 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट और लेखा रिपोर्ट विधानसभा सदन के पटल पर रखे जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि आर.एस. टोलिया प्रशासनिक अकादमी, नैनीताल के ढांचे से संयुक्त निदेशक, लोक प्रशासन के पद को उप निदेशक निसंवर्गीय अभियांत्रिकी पद के रूप में किया जाएगा।
कैबिनेट ने वर्ष 2016 अर्धकुंभ से सम्बन्धित लल्लु जी एंड संस एवं राज्य सरकार के मध्य टेंडर प्रक्रिया में शामिल शर्तों की अनुमति अर्धकुम्भ समाप्त होने के बाद न मिलने के कारण 1 करोड़, 76 लाख, 50 हजार, 358 रुपये गृह विभाग से सम्बन्धित एवं 15 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज देने की अपील की तारीख निकल जाने के कारण बकाया भुगतान वापस करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके अतिरिक्त कौलागढ़ में 28.37 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को वापस किया जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये राजस्व एवं वन विभाग मिलकर सीमांकन करने के लिए कमेटी बनायी गयी है। इसी से सम्बन्धित 28.6 हे। भूमि वन विभाग को वापस किया जा चुका है।
श्री कौशिक ने बताया कि कैबिनेट ने उत्तराखण्ड दण्डादेश निलम्बन नियमावली में संशोधन की अनुमति दी है। जिसके अन्तर्गत 2 माह से अधिक दण्डादेश को भी एक कलेण्डर वर्ष में दो बार किया जा सकता है। वर्ष 2016 में संविदा फार्मासिस्टों के वेलनेस सेंटर से सम्बन्धित 600 पदों की भर्ती के स्थान पर अब 1800 से 2000 पदों पर नये सिरे से भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी। यह प्रक्रिया इण्डियन पब्लिक हेल्थ स्टेण्डर्ड के अनुसार होगी। सरकार ने उत्तराखंड राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग सेवा नियमावली को मंजूरी दे दी है।