पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए उपचुनाव में ममता बनर्जी की शानदार जीत के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमन बनर्जी से विधायकों को शपथ दिलवाने की शक्ति छीन ली है। पहले से चल रही तनातनी बताया जा रहा है। बंगाल में ऐसा पहली बार है जब राज्यपाल ने इस कदम उठाया हो।
राजभवन ने स्पीकर को भेजी चिट्ठी
बता दें कि भवानीपुर उपचुनाव जीतने के बाद ममता बनर्जी को सीएम पद पर बने रहने के लिए अगले माह की 4 तारीख से पहले विधानसभा सदस्य के तौर पर शपथ लेना जरूरी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ‘भवानीपुर और मुर्शिदाबाद जिले की दो सीटों पर हुए उपचुनाव से कुछ दिन पहले ही राजभवन की तरफ से स्पीकर के दफ्तर को एक चिट्ठी मिली थी। इस चिट्ठी में संविधान के अनुच्छेद 188 का जिक्र किया गया है, जो राज्यपाल को शपथ दिलवाने की शक्ति देता है। सूत्रों ने बताया कि जगदीप धनखड़ की ताजा कार्रवाई से ये रिश्ते और तल्ख हो सकते हैं।
स्पीकर बिमन बनर्जी ने नहीं दी थी इजाजत
इससे पहले भी बंगाल विधानसभा स्पीकर और राज्यपाल के बीच टकराव की स्थिति उस समय पैदा हो गई थी जब धनखड़ ने विधानसभा में अपने भाषण का लाइव टेलीकास्ट करने को कहा था। स्पीकर बिमन बनर्जी ने इसकी इजाजत नहीं दी थी। स्पीकर ने यह भी शिकायत की थी कि धनखड़ उनके काम में दखल दे रहे रहे हैं।
राज्यपाल को मिला विधायकों को शपथ दिलवाने का अधिकार
विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि राजभवन की चिट्ठी में लिखा है कि मंत्रियों और विधायकों को शपथ दिलवाने का अधिकार राज्यपाल को मिला है। राज्यपाल जहां राजभवन में मंत्रियों को शपथ दिलवाते हैं, वहीं स्पीकर राज्यपाल के प्रतिनिधि के तौर पर सदन में विधायकों को शपथ दिलवाते हैं। इस मामले में बिमन बनर्जी ने कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि ममता बनर्जी ने सोमवार को स्पीकर से फोन पर बात की है और उनके दफ्तर के लोग राजभवन के संपर्क में हैं।