लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने 28 साल पुराने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम पार्टी के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस दिन को भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक दुखद दिन बताया है।
कोर्ट ने अपने बयान में कहा, आज का दिन भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक दुखद दिन है। उन्होंने कहा कि अदालत का कहना है कि कोई साजिश नहीं थी। कृपया मुझे बताएं, किसी कार्रवाई के सहज होने के लिए कितने दिनों और महीनों की तैयारी की आवश्यकता होती है?
उन्होंने कहा, ‘मैं बतौर भारतीय मुस्लिम आज अपमान, शर्म और असहाय महसूस कर रहा हूं। बिल्कुल वैसा ही जैसा 1992 में युवावस्था में किया था।’ उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से इस फैसले को चैंलेज करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह न्याय का मामला है और आज बीजेपी इस मसले की वजह से ही सत्ता में है।
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ओवैसी ने कहा, CBI कोर्ट का आज का ये फैसला भारत की अदालत की तारीख का एक काला दिन है। सारी दुनिया जानती है कि बीजेपी, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना और कांग्रेस पार्टी की मौजूदगी में विध्वंस हुआ। इसकी जड़ कांग्रेस पार्टी है, इनकी हुकूमत में मूर्तियां रखी गईं।
गौरतलब है कि छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस मामले की 28 वर्षों तक चली सुनवाई के बाद बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने इस आपराधिक मामले में फैसला सुनाया। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.के. यादव ने लाकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि विवादित ढांचा विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। सिर्फ तस्वीरों से आरोपियों के घटना में शामिल होने का सबूत नहीं मिल जाता। यह कहते हुए कोर्ट ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। इस फैसले को भाजपा नेताओं ने न्याय की जीत बताया है।