ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य अपराध न्याय प्रणाली में ‘सुनियोजित भेदभाव’ का सामना कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि टेरर केस में मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘आतंकी मामलों में मुस्लिमों को केवल दशकों के बाद बरी किए जाने के लिए फंसाया जाता है। हम अपराध न्याय प्रणाली में सुनियोजित भेदभाव का अनुभव करते हैं, चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में हो।’असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘यह दोहरा अन्याय केवल गुलाब खान के लिए ही नहीं, बल्कि रामपुर हमले के पीड़ितों के लिए भी है।’
Who were the real culprits? Will Gulab Khan be compensated for the indignity that he & his family had to endure?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 3, 2019
एक अन्य ट्वीट में ओवैसी ने पूछा, ‘असली अपराधी कौन थे? क्या गुलाब खान को उस अपमान के लिए मुआवजा दिया जाएगा जो उन्हें और उनके परिवार को सहना पड़ा था?’ रामपुर की कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद गुलाब खान जब घर पहुंचे, तो उनका स्वागत किया गया। इस दौरान गुलाब खान ने कहा, ‘मुझको अल्लाह ने नई जिंदगी दी है।’ उन्होंने कहा, ‘आतंकी हमले से मेरा कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन फिर भी मुझको आरोपी बनाया गया।
गौरतलब है कि एक जनवरी 2008 की तड़के सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में सात जवान शहीद हो गये थे जबकि एक रिक्शा चालक की भी जान चली गई थी। पुलिस ने इस हमले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इन 8 लोगों में गुलाब खान का आरोपी बनाया गया था। हालांकि मामले में जब अब फैसला आया, तो रामपुर की अदालत ने उनको बरी कर दिया