महाराष्ट्र के मंत्री अशोक चव्हाण ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देंवेद्र फडणवीस पर मराठा आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया है। इस मामले की सुनवाई अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में यह आश्वासन दिया था कि वे लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान विभाग को छोड़कर बाकी किसी भी अन्य विभाग में 15 सितंबर तक 12 फीसदी मराठा आरक्षण पर भर्तियां नहीं करेंगे।
राष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के जवाब से चकित हैं। इस पर प्रतिक्रिया करते हुए चव्हाण ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा यह विश्वास है कि या तो कुछ लोग मुद्दे को नहीं समझते हैं या जानबूझ कर लोगों को भ्रमित करते हैं।’’
चव्हाण मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की उप समिति के प्रमुख हैं। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश होते हुए मुकुल रहतोगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राज्य सरकार की ओर से चार मई को पारित प्रस्ताव के तहत लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान को छोड़कर सभी अन्य विभाग ताजा भर्ती प्रक्रिया नहीं चलाई जाएगी।
चव्हाण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को राज्य सरकार की ओर से कही गईं बातें चार मई को जारी प्रस्ताव का हवाला है। मंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट है कि फडणवीस लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। शिक्षा और नौकरियों में मराठा आरक्षण देने वाले महाराष्ट्र सरकार के कानून और हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं हैं, जिस पर अभी सुनवाई हो रही है।