इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) और उससे संबधित कई अन्य संगठनों पर केंद्रीय ग्रह मंत्रालय ने पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। इस कार्रवाई पर देशभर से अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है। असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा (Himanta Biswa Sarma) ने केंद्र के पीएफआई को प्रतिबंधित करने के फैसले का स्वागत किया और कहा कि ‘‘मोदी युग का भारत निर्णायक एवं साहसी है।’’
CM ने ट्वीट कर कहा …
I welcome the ban on (Popular Front of India) PFI by the Government of India.
The Government is firm in its resolve to ensure that anyone with a diabolical, divisive or disruptive design against India shall be dealt with iron fist.
India of Modi Era is Decisive & Bold.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 28, 2022
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ सरकार यह सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध है कि भारत के खिलाफ द्वेषपूर्ण, विभाजनकारी या विघटनकारी मंशा रखने वाले किसी भी व्यक्ति से कड़ाई से निपटा जाएगा।’’ हिमंत ने यह भी कहा कि ‘‘मोदी युग का भारत निर्णायक एवं साहसी है।’’ असम (Assam) के 8 जिलों में पीएफआई के खिलाफ छापेमारी करते हुए पुलिस ने संगठन के 25 कार्यकर्ताओं को पकड़ा था। इससे पहले राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने 22-23 सितंबर को PFI के खिलाफ छापेमारी करने के बाद 11 अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।
जांच एजेंसियों के रडार पर पीएफआई
गौरतलब है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में जांच एजेंसियों की टीम ने पीएफआई के ठिकानों पर टेरर फंडिंग, सांप्रदायिक तनाव फैलाने समेत कई गंभीर मामलों में छापे मारे थे। बीते मंगलवार को संगठन से संबंधित 170 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं 5 दिन पहले ऐसी ही छापेमारी के बाद 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि पीएफआई ने इस कार्रवाई के विरोध में केरल, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन किया था। संगठन के कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के पुणे में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए थे।