असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि राज्य में सत्रो (मठ) की जमीन पर कब्जा करने वाले सभी लोगों को उसे खाली करना होगा, चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान।बता दें कि राज्य विधानसभा में कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ द्वारा शून्यकाल में यह मुद्दा उठाए जाने के दौरान शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार जमीन खाली कराने की कवायद जारी रखेगी और ‘‘इस पर बात करने का कोई मतलब नहीं है।’’शर्मा ने कहा कि असम में सरकारी और वन भूमि को खाली कराने का काम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में रहने तक जारी रहेगा।
अतिक्रमण वाली जमीन खाली करने का आग्रह
उन्होंने कहा, ‘‘जमीन खाली कराने का काम जारी रहेगा। हम बटद्रवा सहित राज्यभर में सरकारी और वन भूमि को खाली कराएंगे।’’शर्मा ने कहा कि सत्रो (वैष्णव मठ), बटद्रवा की तरह ही असम के लोगों की संस्कृति व पहचान का प्रतिनिधित्व करते हैं।उन्होंने कहा,‘‘सभी लोगों को..चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान, उन्हें सत्रो की जमीन खाली करनी होगी। हम सभी से अतिक्रमण वाली जमीन खाली करने का आग्रह करते हैं..नहीं तो हमें उसे खाली करवाना पड़ेगा।’’
लोगों को पेयजल मुहैया कराने के लिए कोई नीति नहीं
कांग्रेस के विधायक रकीबुल हुसैन ने सरकार से बटद्रवा में विस्थापित किए गए लोगों की पेयजल, भोजन जैसी मौलिक आवश्यकताओं पर गौर का आग्रह किया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ विस्थापित लोगों को पेयजल मुहैया कराने के लिए कोई नीति नहीं है। उन्होंने जमीन पर कब्जा करके कानून तोड़ा है, इसलिए हम उनके लिए शिविर नहीं बना सकते। गैर सरकारी संगठन उनके लिए काम कर सकते हैं।’’