उत्तर-पूर्वी राज्य असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा ने देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की पुरजोर वकालत की है और कहा कि कोई भी मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसका शौहर तीन और बीवियां लेकर आए। सरमा ने यहां रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की जिन्होंने हाल में कहा था कि उनकी सरकार राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए मसौदा तैयार करेगी।
जिस भी मुस्लिम से मिला उन सभी को चाहिए था यूसीसी : सीएम सरमा
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जिस मुस्लिम से भी मिले उन सभी को यूसीसी चाहिए था। सरमा ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, कोई मुस्लिम औरत नहीं चाहती कि उसके शौहर की तीन बीवियां हों। कोई यह नहीं चाहता। कोई आपसे नहीं कहेगा कि उसके शौहर को तीन औरतों से शादी करनी चाहिए। यह कौन चाहता है। उन्होंने कहा कि, मुस्लिम व्यक्ति यदि एक से ज्यादा औरतों से शादी करता है तो यह उसकी नहीं बल्कि मुस्लिम माताओं और बहनों की समस्या है।
जिस भी मुस्लिम से मिला उन सभी को चाहिए था यूसीसी : सीएम सरमा
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जिस मुस्लिम से भी मिले उन सभी को यूसीसी चाहिए था। सरमा ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, कोई मुस्लिम औरत नहीं चाहती कि उसके शौहर की तीन बीवियां हों। कोई यह नहीं चाहता। कोई आपसे नहीं कहेगा कि उसके शौहर को तीन औरतों से शादी करनी चाहिए। यह कौन चाहता है। उन्होंने कहा कि, मुस्लिम व्यक्ति यदि एक से ज्यादा औरतों से शादी करता है तो यह उसकी नहीं बल्कि मुस्लिम माताओं और बहनों की समस्या है।
मुस्लिम बेटियों को भी मिलनी चाहिए यह सुरक्षा
सीएम सरमा ने कहा कि अगर मुस्लिम औरतों और माताओं को समाज में इज्जत देनी है तो तीन तलाक (कानून) के बाद यूसीसी लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं हिंदू हूं और मेरे पास यूसीसी है। मेरी बहन और बेटी के लिए मेरे पास यूसीसी है। अगर मेरी बेटी के लिए मेरे पास यूसीसी हो सकता है तो मुस्लिम बेटियों को भी यह सुरक्षा मिलनी चाहिए।
सीएम सरमा ने कहा कि अगर मुस्लिम औरतों और माताओं को समाज में इज्जत देनी है तो तीन तलाक (कानून) के बाद यूसीसी लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं हिंदू हूं और मेरे पास यूसीसी है। मेरी बहन और बेटी के लिए मेरे पास यूसीसी है। अगर मेरी बेटी के लिए मेरे पास यूसीसी हो सकता है तो मुस्लिम बेटियों को भी यह सुरक्षा मिलनी चाहिए।