असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि एम.कॉम के पहले सेमेस्टर के छात्र की कथित रैगिंग में डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय की ओर से “निश्चित रूप से लापरवाही” की गई है और पुलिस इस बात की जांच करेगी कि क्या विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने घटना को छिपाने की कोशिश की थी।
सिलचर में मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में सरमा ने कहा कि ऐसी घटनाओं को राज्य में कहीं भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रैंगिंग के दौरान बुरी तरह प्रताड़ित किए जाने और उसके बाद खुद को रैगिंग से बचाने के लिये स्नातकोत्तर के एक छात्र ने 27 नवंबर को हॉस्टल की दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी। इस घटना के बाद 18 छात्रों को निष्कासित कर दिया गया था और तीन को गिरफ्तार किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह एक गंभीर अपराध है। हम ऐसी किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं करेंगे। कैबिनेट ने विश्वविद्यालय की भूमिका पर असंतोष व्यक्त किया है। उनकी ओर से निश्चित रूप से लापरवाही की गई है। पुलिस इस बात की जांच करेगी कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इस घटना को छिपाने की कोशिश की या नहीं।”
शर्मा ने कहा, “मिलीभगत पाए जाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह स्पष्ट होना चाहिए कि राज्य सरकार की रैगिंग के प्रति कतई बर्दाश्त न करने की नीति है।” उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “मैंने पुलिस को भी पीड़ित को हर संभव मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया है। अगर उसका परिवार बेहतर इलाज के लिए उसे (छात्र को) असम से बाहर स्थानांतरित करना चाहता है, तो राज्य सरकार इसकी सुविधा के लिए कदम उठाएगी।” विश्वविद्यालय के पद्म नाथ गोहेन बरुआ छात्र निवास में रहने वाले इस छात्र का फिलहाल डिब्रूगढ़ के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है।