गुजरात की वडगाम विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को कोकराझार जिले की एक अदालत द्वारा पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी के खिलाफ असम कांग्रेस ने कोकराझार थाने के बाहर प्रदर्शन किया। अदालत के आदेश के बाद मेवाणी को कोकराझार थाने में रखा गया है।
मेवानी की ‘अवैध गिरफ्तारी’ का विरोध करते हुए, कांग्रेस सदस्यों ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की। उन्होंने भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी भी की। कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक मेवानी को बुधवार रात गुजरात के पालनपुर शहर से गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री के खिलाफ उनके कथित ट्वीट को लेकर कोकराझार पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई थी।
FIR के अनुसार, उन्होंने कथित तौर पर एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें दावा किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘गोडसे को भगवान मानते हैं।’ मेवानी को गुरुवार की सुबह गुजरात से गुवाहाटी लाया गया और और फिर सड़क मार्ग से कोकराझार ले जाया गया, जहां उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक जाकिर हुसैन सिकदर ने दावा किया कि मेवानी को गुजरात में ‘‘उनके प्रभाव को विफल करने’’ के लिए गिरफ्तार किया गया है। असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने आरोप लगाया कि राज्य के मुख्यमंत्री और बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के प्रमुख की इस मामले में मिलीभगत है । बीटीसी का मुख्यालय कोकराझार में है।
गोगोई ने दावा किया, ‘‘वे अब जो कुछ भी कह रहे हैं, ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री और बीटीसी प्रमुख (प्रमोद बोरो) ने आपस में चर्चा की है और उसके बाद यह (मेवानी की गिरफ्तारी) किया है। यह भाजपा के शीर्ष नेताओं को खुश करने की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है।’’ रायजोर दल के प्रमुख ने कहा, ‘‘यह विचित्र है कि गुजरात के एक व्यक्ति को असम पुलिस ने एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया है। यह गुजरात में बारिश होने पर असम में छाता खोलने के समान है ।’’
असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कानूनी प्रकोष्ठ के प्रमुख मनोज भगवती के नेतृत्व में तीन वकीलों की एक टीम गुजरात के विधायक की पैरवी कर रही है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को दावा किया था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि मेवानी कौन हैं। मेवानी ने 2017 में बनासकांठा की वडगाम (एससी) सीट से निर्दलीय विधायक के रूप में कांग्रेस के समर्थन से जीत हासिल की थी। हालांकि, वह ‘‘वैचारिक रूप से’’ कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन वह आधिकारिक तौर पर पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं।