केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को फोन करके उनसे बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली और उन्हें सूचित किया कि एक केंद्रीय टीम जल्द ही बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य का दौरा करेगी।
पूर्वोत्तर राज्य पिछले एक सप्ताह से विनाशकारी बाढ़ की चपेट में है। इस बाढ़ से राज्य के 36 में से 33 जिलों में लगभग 43 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम में इस साल आयी बाढ़ और भूस्खलन में अब तक कुल 73 लोगों की मौत हो चुकी है।
Assam is immensely grateful for this prompt action by MHA, Hon Minister Sir.
This IMCT visit shall expedite the process of assessment of damages. The State Government will work closely with the Team to ensure expeditious evaluation.@AmitShah @HMOIndia https://t.co/HF6V4wuSZX
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 20, 2022
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के सूत्रों ने बताया कि शाह का पहला फोन बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए था और उनका दूसरी बार फोन मुख्यमंत्री को यह सूचित करने के लिए था कि नुकसान के आकलन के लिए जल्द ही एक केंद्रीय टीम राज्य में भेजी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शनिवार को असम के मुख्यमंत्री को फोन करके स्थिति का जायजा लिया था और उन्हें केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था।
इस बीच, सरमा ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए राज्यों के मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और जिलों में उपायुक्तों के साथ एक डिजिटल बैठक की। उन्होंने बचाव और राहत कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।
सरमा ने उपायुक्तों से उन क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की मदद लेने को कहा जहां राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) या राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की नौकाएं अब तक नहीं पहुंच पाई हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने राज्य सरकार को गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में पेट्रोलियम और डीजल पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
सरमा ने कहा कि पड़ोसी राज्यों मणिपुर और त्रिपुरा से एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को शामिल करके बराक घाटी में राहत और बचाव अभियान को गति दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बाढ़ और भूस्खलन के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए जोवाई-बदरपुर मार्ग पर यातायात बहाल करने के लिए अपने मेघालय समकक्ष के संपर्क में हैं।
इस बीच, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने कहा है कि पेट्रोलियम और डीजल और चिकित्सा सहायता सहित राहत पहुंचाने वाली ट्रेनों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा।