असम सरकार ने ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित राजीव गांधी ओरांग नेशनल पार्क का नाम बदलने का फैसला किया है। जिसके बाद नेशनल पार्क “ओरांग नेशनल पार्क” के नाम से जाना जाएगा। बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इसको लेकर फैसला किया गया। राज्य सरकार ने आदिवासियों के विचारों के सम्मान का हवाला देते हुए नेशनल पार्क के नाम में बदलाव का ऐलान किया।
असम सरकार के प्रवक्ता और जल संसाधन मंत्री पीजूष हजारिका ने सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि आदिवासियों और चाय जनजाति समुदायओं की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राजीव गांधी नेशनल पार्क का नाम बदलकर ओरांग नेशनल पार्क रखने का फैसला लिया गया है।
असम के दरांग और सोनितपुर जिलों में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क 78.80 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है. इसे 13 अप्रैल, 1999 को एक राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। दलदल, नदियों और घास के मैदानों के समान परिदृश्य के कारण ओरंग को मिनी काजीरंगा के रूप में भी जाना जाता है। काजीरंगा की तरह यहां भी एक सींग वाले गैंडे रहते हैं।
ओरंग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की स्थापना 1985 में हुई थी। 1992 में इसका नामकरण पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नाम पर कर दिया गया। तब इसका नाम राजीव गांधी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी किया गया था, लेकिन 1996 में इसका नाम बहाल करने और इसे नेशनल पार्क के रूप में उन्नत करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया तो फैसले को रोक लिया गया।
1999 में इसे ओरंग नेशनल पार्क के रूप में विकसित किया गया था। फिर इसका नाम राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क कर दिया गया। 2001 में, तत्कालीन तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पार्क का नाम बदलकर राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्ककर दिया था।