देश में बाल विवाह एक अपराध है, परन्तु कुछ इलाके ऐसे है जहां बाल विवाह 21वीं सदी में भी बाल विवाह करवाए जा रहे है। ऐसे ही अब असम सरकार बाल विवाह को लेकर सख्त रुख अपना रही है साथ ही साथ जिन माता पिता ने बाल विवाह करवाया है उनके खिलाफ सख्त कदम भी उठाए जा रहे है। सूत्रों के मुताबिक असम में बाल विवाह मामलों के खिलाफ चल रहे अभियान से हड़कंप मचा हुआ है।
बाल विवाह पर सरकार सख्त
जानकारी के मुताबिक खबर है कि पुलिस के खौफ से धुबरी जिले से लगे मानकाचर में पिता के घर रहने वाली 27 साल की विधवा महिला ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। कहा जा रहाहै कि आत्महत्या करने वाली महिला का नाम सीमा खातून है। सिमा शादी के वक्त नाबालिग थी। बाल्यावस्था में ही सीमा खातून की उसके पिता ने शादी कर दी थी। दो साल पहले ही उसके पति की कोरोना से कारन मौत हो गई थी। जभी से सीमा अपने 2 बच्चों के साथ मायके यानी पिता के घर में ही रहती थी। लड़की के परिजनों के मुताबिक जब से राज्य में बाल विवाह मामलों में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई चल रही है, तभी से सीमा को डर था कि इस मामले में उसके पिता गिरफ्तार हो सकते हैं।
खौफ से बच्चियां खुद की ले रही जान
इसी चिंता में उसने अपने जीवन को समाप्त कर लिया सीमा खातून की आत्महत्या के बाद ही पूरे अंचल के लोगों मे गुस्सा पैदा हो गया। शनिवार को ही इसके विरोध में गुस्साए लोगों ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। देखा जाए तो सरकार ने ये फैसला लोगों की भलाई के लिया, परन्तु लगता है कि सरकार का ये फैसला जनता पर उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है।