असम कैबिनेट द्वारा राज्य में सभी सरकारी मदरसों को बंद करने का विधेयक आज विधानसभा में पेश किया जाएगा। आज से राज्य विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। राज्य सरकार में मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
सरमा ने कहा, ‘मैं मदरसे के प्रांतीयकरण को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पेश करूंगा। एक बार विधेयक पारित हो जाने के बाद, असम सरकार द्वारा मदरसा चलाने की प्रथा समाप्त हो जाएगी, जो एक प्रथा स्वतंत्रता-पूर्व असम में मुस्लिम लीग सरकार द्वारा शुरू की गई थी।’
गौरतलब है कि पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान सरकारी मदरसों और संस्कृत स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद सरकार ने विधेयक को विधानसभा में पेश करने का प्लान बनाया था।
सरकार के इस फैसले से राज्य के सभी सरकारी मदरसों और अरबी कॉलेजों को मिलने वाली सरकारी मदद बंद कर दी जाएगी। अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य मदरसा बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा और उसकी सभी शैक्षणिक गतिविधियों को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। मदरसों में धार्मिक पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले शिक्षकों को सामान्य विषयों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।