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सचिन वाजे की हिरासत मांगेगी ATS, फडणवीस ने कहा-पवार को सही जानकारी नहीं दी गई

महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को कहा कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में ‘‘प्रमुख आरोपी’’ है और उसकी हिरासत मांगने के लिए यहां एनआईए अदालत से संपर्क किया जाएगा।

महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को कहा कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में ‘‘प्रमुख आरोपी’’ है और उसकी हिरासत मांगने के लिए यहां एनआईए अदालत से संपर्क किया जाएगा। 
एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह ने यहां कहा कि मामले में और भी लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं। 
इस बीच, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आज शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। 
उधर, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आज दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात की और महाराष्ट्र पुलिस में तबादलों संबंधी कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग की। 
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह सचिव ने मुझसे कहा कि वह दस्तावेजों और सबूत की पड़ताल करेंगे तथा केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी जो उचित कार्रवाई करेगी।’’ 
मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक एसयूवी मिलने के मामले में गिरफ्तार वाजे 25 मार्च तक राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में है। उस वाहन में जिलेटिन की छड़ें थीं। 
एटीएस ने हिरन की हत्या के मामले में निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिन्दे तथा क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौड़ को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था। 
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इन दोनों लोगों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने पाया कि वाजे मामले में प्रमुख आरोपी है और इसमें उसकी प्रमुख भूमिका थी।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उसकी (वाजे) हिरासत की आवश्यकता है और हम 25 मार्च को अदालत से संपर्क करेंगे।’’ 
एटीएस प्रमुख ने कहा कि हिरन की हत्या के मामले में आठ मार्च को वाजे का बयान दर्ज किया गया था और उस समय उसने अपराध में अपनी भूमिका होने से इनकार किया था, लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि वह झूठ बोल रहा था। 
उधर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को दावा किया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा वसूली संबंधी आरोप लगाए जाने के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख की जांच में कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद उनके क्रियाकलाप के बारे में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को सही सूचना नहीं दी गई। 
फडणवीस ने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी दावा किया कि राज्य में महा विकास आघाडी सरकार ने राज्य के खुफिया विभाग की एक ठोस रिपोर्ट पर ‘‘कार्रवाई नहीं की जिसमें पुलिस अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति में भ्रष्टाचार के संबंध में हुई बातचीत का ऑडियो था। 
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला द्वारा इजाजत लेकर फोन टैप किए गए थे और कॉल पर की गई बातचीत का ‘6.3 जीबी डेटा’ उनके पास है जिसमें कई अहम पुलिस अधिकारियों के नामों पर चर्चा की गई थी। 
भाजपा नेता ने कहा कि इन सभी फोन कॉल को राज्य सरकार से उचित अनुमति लेकर शुक्ला ने रिकॉर्ड किया था लेकिन अगस्त 2020 में मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को रिपोर्ट सौंपने के बावजूद रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने यह भी कहा, ‘‘वीआईपी लोगों के आवागमन संबंधी पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अनिल देशमुख 17 फरवरी को मुंबई में सह्याद्री अतिथि गृह और 24 फरवरी को मंत्रालय गए थे।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘देशमुख 15 फरवरी से 27 फरवरी के बीच घर पर पृथक-वास में थे लेकिन अधिकारियों से मुलाकात कर रहे थे। मुझे लगता है कि पवार साहब को कल ठीक से इसके बारे में नहीं बताया गया।’’ 
वहीं, महाराष्ट्र राकांपा प्रमुख एवं मंत्री जयंत पाटिल ने पूछा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शुक्ला को फोन टैप करने की अनुमति किसने दी। 
पाटिल ने सांगली में संवाददाताओं से कहा कि क्या फोन टैप करने वाली अधिकारी ने इसके लिए संबंधित अधिकारियों अनुमति ली थी। 
उन्होंने कहा, ‘‘किसके निर्देश पर फोन टैपिंग हुई थी? किसने तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला को फोन टैप करने की अनुमति दी थी? क्या फोन टैप करने की अनुमति ली गई थी। इस सबकी जांच किए जाने की आवश्यकता है।’’ 

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