गोड्डा- सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि हेमंत सरकार निहित स्वार्थ को लेकर कोयले की कमर्शियल माइनिंग का विरोध कर रही है ।उन्होंने कहा कि 41 कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ठोस कदम है।
सांसद श्री दुबे शनिवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे ।उन्होंने कहा कि जहां तक संथाल परगना की बात है तो दुमका पाकुड़ कोल ब्लॉक से ही झारखंड सरकार को कम से कम 1000 करोड़ का रेवेन्यू प्राप्त होगा जबकि 14000 लोगों को नौकरी मिलेगी। उन्होंने हेमंत सरकार की आनाकानी पर कटाक्ष करते हुए कहा की गठबंधन में कांग्रेस के लोग मधु कोड़ा की तरह लूटना चाहते हैं।
उन्होंने महागामा पीरपैंती गोड्डा रेल लाइन की चर्चा करते हुए कहा कि कोल मंत्रालय से बातचीत चल रही है ।गोड्डा जिला के मेहरमा में बीसीसीएल का जीएम कार्यालय खुलेगा क्योंकि मेहरमा के भल्लू और कहलगाव के मंदार कोल ब्लॉक को चालू करने की प्रक्रिया पर्यावरण स्वीकृति के बाद शुरू हो जाएगी।उन्होंने कहा कि कमर्शियल माइनिंग में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके और प्रदूषण पर भी नियंत्रण किया जा सके। उन्होंने बताया कि इसके पहले बड़ी-बड़ी कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटित किया जाता था जिससे स्थानीय लोगों को कोयले का आवंटन नहीं हो पाता था।
उन्होंने कहा कि कमर्शियल कमर्शियल माइनिंग होने से आयात किए जाने वाले पैसे की बचत तो होगी ही साथ ही खदान का दोहन भी समय पर हो जाएगा । श्रावणी मेला की चर्चा करते हुए कहा कि पूरे देश दुनिया में मंदिर के कपाट खुल गए हैं तो देवघर और बासुकीनाथ के कपाट खोला जाना लाजमी है और यह झारखंड और बिहार सरकार पर निर्भर करता है कि किस प्रकार और कितने लोगों को पूजा करने की अनुमति दी जाती है। उन्होंने कहा कि देवघर दुमका के अतिरिक्त अन्य कई जिलों की अर्थव्यवस्था श्रावणी मेला पर टिकी हुई है।पत्रकार सम्मेलन में भाजपा के जिला अध्यक्ष राजेश झा सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।