नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में आयी बाढ़ के बाद कार्यों में सहयोग के लिए अन्य एजेंसियों के साथ सेना और भारतीय वायुसेना की टीमों के द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी है। इस बीच सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने कहा कि उत्तराखंड में हुए हिमस्खलन से तपोवन में निर्माणाधीन जलविद्युत संयंत्र के एक हिस्से को नुकसान पहुंचा, लेकिन सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार कंपनी को आर्थिक क्षति के मद्देनजर इस घटना को महत्वपूर्ण (मटेरियल) नहीं माना जा सकता।
सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार हो सकता है कि इसका कोई अर्थिक असर न हो। उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में रविवार को एक ग्लेशियर टूट गया था, जिससे धौली गंगा नदी में बड़े पैमाने पर बाढ़ आ गई और इसके किनारों पर रहने वाले लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया। इस दुर्घटना में बड़े पैमाने पर नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
एनटीपीसी ने शेयर बाजार को बताया, ‘‘उत्तराखंड में तपोवन के पास एक हिमस्खलन ने इस क्षेत्र में हमारी निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना तपोवन विष्णुगढ़ (520 मेगावाट) के एक हिस्से को नुकसान पहुंचाया है। बचाव अभियान जारी है, और जिला प्रशासन की मदद से लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है और किसी नुकसान या क्षति का आकलन किया जा रहा है। नुकसान या क्षति के लिए उचित बीमा कवर उपलब्ध है।’’ कंपनी ने बताया कि एनटीपीसी लिमिटेड के कुल संचालन आकार (वर्तमान में उसकी वाणिज्यिक क्षमता 51,310 मेगावाट और समूह की वाणिज्यिक क्षमता 63,925 मेगावाट) को देखते हुए, उक्त घटना के कंपनी पर असर को सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार महत्वपूर्ण नहीं माना जा सकता।