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बाबुल सुप्रियो को तनावग्रस्त इलाके में प्रवेश से रोका, FIR दर्ज

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केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और पश्चिम बंगाल भाजपा के एक वरिष्ठ नेता को पुलिस ने आसनसोल-रानीगंज इलाके में जाने से रोक दिया। इलाके में रामनवमी के जुलूस को लेकर शुरू हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। सुप्रियो ने दावा किया कि उनके खिलाफ दो प्रथमिकियां दर्ज की गई हैं जिसके बाद उन्होंने भी पुलिस के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि, पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस तरह की प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं, या नहीं।

 प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा प्रमुख लॉकेट चटर्जी को भी प्रभावित इलाकों में जाने से आज रोक दिया गया क्योंकि वहां हालात तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस ने चटर्जी को भी दुर्गापुर में रोक लिया। वह भी रानीगंज जा रही थी। रानीगंज में रामनवमी की एक रैली को लेकर रविवार और सोमवार को दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद इलाके में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है।

पुलिस ने बताया कि कल रात से इलाके में हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है और स्थिति ‘नियंत्रण’ में है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली से लौटने के बाद सचिवालय में उच्च-स्तरीय बैठक की। मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी और एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) ने बैठक में हिस्सा लिया। ममता ने आसनसोल-रानीगंज इलाके में हिंसा को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।

 सुप्रियो ने एक टीवी चैनल से बातचीत में दावा किया कि उन्हें पता चला है कि जब उन्होंने आसनसोल रानीगंज में घुसने की कोशिश की उनके और पुलिस के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम राज्य मंत्री एवं आसनसोल से सांसद सुप्रियो की कार को पश्चिम बर्धमान जिले के रेलपुर इलाके में प्रवेश से रोक दिया गया।

पुलिस ने इसके लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया। कुछ लोगों ने मंत्री के खिलाफ कथित रूप से नारेबाजी की और उनसे तत्काल इलाका छोड़ने की मांग की। टीवी चैनलों ने उन्हें पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते हुए दिखाया है, जिन्होंने उनके वाहन को घेर लिया था। सुप्रियो ने दावा किया कि केवल केंद्रीय बलों की तैनाती के जरिये इलाके में शांति बहाल की जा सकती है और स्थानीय लोगों का पुलिस पर विश्वास नहीं रह गया है।

 मंत्री ने कहा, ”जन प्रतिनिधि होने के नाते मुझे अपने संसदीय क्षेत्र में जाने का पूरा हक है और खासकर ऐसे समय जब लोग दिक्कत में हैं। यह मेरा कर्तव्य है। लेकिन पुलिस कह रही है कि मुझे इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इलाके में धारा 144 लागू है। मंत्री होने के नाते मैं नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता।”

सुप्रियो ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को घटना की जानकारी देंगे। दोनों घटनाओं के बारे में पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा सूबे में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ”जब इलाके में पुलिस गश्त कर रही है तो वे रानीगंज क्यों जाना चाहते हैं? क्या वे पिछले दो दिनों की हिंसा से संतुष्ट नहीं हैं।” तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आसनसोल नगर निगम के महापौर जितेंद्र तिवारी ने सुप्रियो पर इलाके में शांति भंग करने का आरोप लगाया।

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