लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत बुधवार को नहाय-खाय के साथ हो गई और 21 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा सम्पन्न होगी। मुंबई स्थानीय निकाय ने कोरोना महामारी के मद्देनजर छठ पूजा के मौके पर समुद्र तटों, नदियों और अन्य प्राकृतिक जलाशयों के किनारे भीड़ जुटने पर प्रतिबंध लगाते हुए श्रद्धालुओं से कहा है कि वे बड़ी संख्या में इन स्थानों पर जमा होने से बचें।
यह सालाना त्योहार शहर में रहनेवाले वे लोग मनाते हैं जिनका ताल्लुक उत्तर भारत से है। सूर्य देवता को समर्पित यह त्योहार इस साल शुक्रवार और शनिवार को है। कोरोना काल से पहले इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग तटों, नदियों और अन्य जल निकायों के किनारे जमा होते थे और सूर्यास्त तथा सूर्योदय के मौके पर अर्ध्य देते हैं।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने मंगलवार को छठ पूजा के संबंध में दिशानिर्देश जारी करते हुए लोगों से संक्रमण से बचने के लिए बड़ी संख्या में जमा नहीं होने के लिए कहा है। बीएमसी ने बयान जारी कर बताया कि छठ पूजा उत्सव को सिमित करने का निर्णय किया है क्योंकि अगर लोग नदी किनारे और समुद्र तटों पर बड़ी संख्या में पूजा-अर्चना के लिए जमा होते हैं तो सामाजिक मेल जोल से दूरी का पालन करवा पाना मुश्किल हो जाएगा।
बीएमसी ने कहा कि जल इकाइयों के किनारे बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने और उत्सव मनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बीएमसी ने लोगों से अपील की है कि वह कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मास्क पहने, सामाजिक दूरी बनाए रखें और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें। नागरिक निकाय ने कहा कि यह उन दो दिनों में छठ पूजा से जुड़े कार्यक्रमों के संचालन के लिए वार्ड स्तर पर संबंधित संगठनों को आवश्यक अनुमति जारी करेगा।