कांग्रेस पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले मंगलवार को वामपंथी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर वार्ता करेगी। सूत्रों ने कहा कि संभावना है कि प्रत्येक पक्ष द्वारा सीटों की संख्या पर मंगलवार को एक समझौता हो जाएगा। कांग्रेस और वाम दल पहले 31 जनवरी तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने वाले थे। पार्टी अब सीट समझौते को अंतिम रूप देने के लिए अपनी राज्य इकाई पर दबाव बना रही है, ताकि चुनाव की तैयारी तुरंत शुरू की जा सके।
वार्ता से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस का मुख्य ध्यान सीटों की गुणवत्ता पर ज्यादा होगा, न कि संख्या पर। बिहार में पार्टी ने कई सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल 19 पर जीत हासिल की। कांग्रेस ने वाम दलों के साथ एक सीट साझा समझौते को अंतिम रूप देने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसमें अधीर रंजन चौधरी, अब्दुल मन्नान, प्रदीप भट्टाचार्य और नेपाल महतो शामिल हैं।
समिति ने मजबूत सीटों की पहचान की है और सभी संभावनाओं के साथ वामपंथियों से बात कर रही है। पैनल के सदस्यों में से एक ने कहा, ‘हम केवल मजबूत सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’ कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का पश्चिम बंगाल पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि हर राज्य अलग है।