पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त सौरव दास से नगर निकाय चुनावों पर चर्चा की। धनखड़ ने दास से राज्य में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष नागरिक चुनाव कराने और 2018 के पंचायत चुनावों की तरह किसी हिंसा को रोकने के लिए कार्रवाई करने को कहा।
राजभवन में यह बैठक 20 मिनट तक चली। अधिकारिक बयान के अनुसार धनखड़ ने दास को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि मई 2018 में हुए पंचायत चुनावों में जिस तरह का परिदृश्य देखा गया था उसे दोहराया न जाए और अप्रैल के मध्य में होने वाले नगर निकाय चुनाव शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से निपट जाएं।
राज्यपाल ने आयुक्त से कहा कि वह उन्हें मतदान पैनल द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दें। धनखड़ ने सभी दलों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए समान अवसर देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने आयुक्त से कहा कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए वह अधिकारियों को स्थानांतरित भी कर सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि मतदान पैनल सरकार का एक विस्तार है और राज्य निर्वाचन आयुक्त को आशंकाओं को दूर करने के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर हर संभव कदम उठाने चाहिए।
बयान में आगे कहा गया है कि आयुक्त को पुलिस और प्रशासन को यह बताने की जरूरत है कि कोई भी पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण दुष्परिणाम को आमंत्रित करेगा।
आयुक्त ने धनखड़ को बताया कि वह चार मार्च को जिला अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
दास के साथ आयोग के सचिव नीलांजन शांडिल्य बैठक में शामिल थे। सुबह 11.50 बजे के आसपास राज्यपाल के सरकारी आवास से बाहर निकलने के दौरान पत्रकारों द्वारा बैठक में चर्चा के बारे में पूछने पर दास ने चुप्पी साध ली।
धनखड़ ने पहले कहा था कि वह 27 फरवरी को दास से राज्यव्यापी नागरिक चुनावों के बारे में अद्यतन मांगेंगे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कोलकाता नगर निगम और राज्य भर में 107 अन्य नगर निकायों के चुनाव अप्रैल के मध्य में होने की संभावना है।
वर्ष 2018 के पंचायत चुनावों के दौरान भड़की हिंसा में 12 लोगों की जान चली गई थी और 43 लोग घायल हो गए थे।
सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार 12-26 अप्रैल के बीच चुनाव कराने की इच्छुक है।