तमाम मांगों को लेकर बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाइ ऐंड ट्रांसपोर्ट (BEST) कर्मचारी आज यानि मंगलवार को हड़ताल पर हैं। वही, बेस्ट की इस हड़ताल का असर दिखना शुरू हो गया है। मायानगरी की सड़को पर सन्नाटा पसरा है। इतना ही नहीं बस स्टॉप पर कुछ लोग बसों का इंतजार भी कर रहे हैं। करीब 25 लाख लोग बेस्ट की बसों पर निर्भर हैं। बता दें कि बेस्ट के ड्राइवरों के साथ-साथ प्राइवेट कैब और ऑटो रिक्शावाले भी हड़ताल में शामिल हो सकते हैं।
ये है बेस्ट की मांगे
बेस्ट कर्मचारियों की प्रमुख मांग यह है कि बेस्ट बजट को बीएमसी के मूल बजट में शामिल किया गया जाए। इसके अलावा कर्मचारी सेवा आवास और भर्तियों को लेकर भी उनकी मांगें हैं। वही, इस मामले में मंगलवार को ऐक्शन कमिटी की एक मीटिंग होनी है। इससे पहले रविवार को बेस्ट परिवहन के कर्मचारियों ने सोमवार शाम से हड़ताल पर जाने को लेकर घोषणा कर दी थी।
यही नहीं यूनियन लीडर ने तो यहां तक कह दिया था कि प्रशासन द्वारा महाराष्ट्र एसेंशल सर्विस मैंटिनेंस ऐक्ट 2011 (मेस्मा) के तहत कार्रवाई करने पर जेल जाना मंजूर है, लेकिन मांगें नहीं मानी, तो हड़ताल तय है। साथ ही उन्होंने कहा था कि पिछले डेढ़ सालों से ग्रैच्युटी और वेतन से जुड़े विभिन्न मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है। अब जब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा, तब तक हड़ताल नहीं टलेगी।
बता दें कि इससे पहले बेस्ट प्रशासन ने सर्कुलर जारी कर विभिन्न विभागों को उनके अंतर्गत काम करने वाले किसी भी कर्मचारी को 7 जनवरी से छुट्टी नहीं देने का आदेश दिया था। सर्कुलर में बताया गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने 4 जनवरी को बेस्ट की दो सर्विस को मेस्मा के अंतर्गत शामिल किया है। इसमें इलेक्ट्रिक सप्लाइ और ट्रांसपोर्ट की सर्विस है।
इसमें यह भी कहा गया था कि यदि कोई कर्मचारी यूनियन द्वारा 7 जनवरी की रात से घोषित हड़ताल में शामिल होता है, तो उस पर मेस्मा के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। वही, शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार के शहरी विकास विभाग की ओर से बेस्ट की दो सर्विस को मेस्मा के अंतर्गत लाने की जानकारी दी गई थी। इसपर कर्मचारियों ने कहा है कि उन्हें मेस्मा से डर नहीं लगता।