भोपाल : बदहाल सड़कों की वजह से उठ रही है शिवराज सरकार पर अंगुली - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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भोपाल : बदहाल सड़कों की वजह से उठ रही है शिवराज सरकार पर अंगुली

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर दबाव बढ़ता ही जा रहा है।शिवराज सिंह चौहान ने दो हफ्ते पहले ही भोपाल में सड़कों की जर्जर हालत के लिए अधिकारियों पर रोष व्यक्त किया था।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर दबाव बढ़ता ही जा रहा है।शिवराज सिंह चौहान ने दो हफ्ते पहले ही भोपाल में सड़कों की जर्जर हालत के लिए अधिकारियों पर रोष व्यक्त किया था।शहर में सड़क पर जानलेवा गड्ढों को देख उन्होंने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और इनकी मरम्मत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिए थे।
  जल्द से जल्द सड़कों की मरम्मत की जाएगी
 बता दे कि शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों का पालन करते हुए लोक निर्माण विभाग और भोपाल नगर निगम हरकत में आया और एक सप्ताह के भीतर उस विशेष खंड की मरम्मत की गई। हालाँकि कई अन्य सड़कें, जो इस वर्ष अधिक वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो गईं या अन्य जिनकी पिछले कई वर्षों से मरम्मत नहीं की गई थी, अछूती रहीं।विडंबना यह है कि चौहान कैबिनेट के मंत्री इस मुद्दे पर अलग-अलग मौकों पर अलग-अलग बयान देते थे, जिसमें वादा किया जाता था कि जल्द से जल्द सड़कों की मरम्मत की जाएगी। इस मुद्दे पर सवालों का सामना करते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने हाल ही में कहा था कि धन की कमी से मरम्मत में देरी हो रही है।
राज्य सरकार के पास पर्याप्त धन है
गोपाल भार्गव ने 9 नवंबर को कहा था, बजट आवंटित होते ही सड़कों की मरम्मत करा दी जाएगी। अभी पैसा नहीं है, लेकिन हम काम करवाएंगे। जून से पहले 8 महीने में हम भोपाल की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त कर देंगे।राज्य के शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र यादव ने सड़क मरम्मत के लिए धन की कमी के भार्गव के दावे का खंडन किया और कहा कि राज्य सरकार के पास पर्याप्त धन है।
नगर निगम की सड़कें और पीडब्ल्यूडी सड़कें अलग 
भोपाल जिले के प्रभारी भूपेंद्र ने गुरुवार को कहा, मुझे पता है कि जहां भी बजट की जरूरत है, वहां वह उपलब्ध है। यह पूछे जाने पर कि नेताओं के बयानों में अंतर क्यों है, सिंह ने यह कहते हुए जवाब दिया कि नगर निगम की सड़कें और पीडब्ल्यूडी सड़कें अलग हैं।प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों के अलग-अलग बयानों और सरकार के बार-बार आश्वासन के बावजूद भोपाल और राज्य की सड़कों की हालत खराब है। जनता के पास सड़कों की मरम्मत के लिए इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
कुछ स्टेट हाईवे की भी हालत खस्ता 
मुख्यमंत्री चौहान द्वारा सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत करने के स्पष्ट निर्देश देने के बावजूद सड़कों की मरम्मत नहीं हो रही है।भोपाल ही नहीं कुछ स्टेट हाईवे की भी हालत खस्ता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्यप्रदेश में सड़कों की खराब गुणवत्ता ने कई लोगों की जान ले ली है।21 अक्टूबर को रीवा जिले के सोहागी पहाड़ में एक बस के यू-टर्न पर पलट जाने से 15 लोगों की मौत हो गई थी। यह राजमार्ग प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) और रीवा (मध्य प्रदेश) को जोड़ता है।
 त्रासदी के लिए सड़क की खराब स्थिति और डिजाइन जिम्मेदार 
सामाजिक कार्यकतार्ओं ने छह-लेन राजमार्ग की गुणवत्ता पर सवाल उठाया है, जिसे कुछ साल पहले कई समय सीमा के बाद बनाया गया था। वर्तमान में इस राजमार्ग पर कई स्थानों पर गड्ढे हो गए हैं।एक जांच दल ने उस स्थान के दौरे के दौरान, जहां बस दुर्घटना हुई थी, उस त्रासदी के लिए सड़क की खराब स्थिति और डिजाइन को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि बाद में राज्य सरकार ने उस सड़क को बनाने वाली फर्म को क्लीन चिट दे दी थी।
सड़क परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान दिए गए
मध्य प्रदेश की सड़कें उस दौरान अधिक चर्चा में आ गईं जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले हफ्ते मंडला जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए सड़क की खराब गुणवत्ता के लिए माफी मांगी।मंडला में 1,261 करोड़ रुपये की पांच सड़क परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान दिए गए भाषण में गडकरी ने कहा था, मुझे दुख है और मुझे गलती के लिए माफी मांगने में कोई दिक्कत नहीं है। मैं 63 किलोमीटर लंबी सड़क की स्थिति से संतुष्ट नहीं हूं। मंडला-जबलपुर राजमार्ग पर बरेला से मंडला खंड, जिसे 400 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था, उसकी गुणवत्ता खराब थी।
केंद्र से कई राजमार्ग परियोजनाएं भी मिली हैं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि 2003 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से राज्य सरकार ने तीन लाख किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण किया है।लोक निर्माण विभाग के अनुसार कम से कम 20 राष्ट्रीय राजमार्ग मध्य प्रदेश से होकर गुजरते हैं जिनकी लंबाई 4,000 किमी और कई राज्य राजमार्गों की लंबाई 9,000 किमी है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि राज्य को केंद्र से कई राजमार्ग परियोजनाएं भी मिली हैं, जिसमें प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेसवे भी शामिल है, जो चौहान का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चौहान सरकार को बनाया निशाना 
2018 में केंद्र के साथ राज्य सरकार ने विश्व बैंक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क संपर्क विकसित करने के लिए संयुक्त परियोजना शुरू की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना नाम की परियोजना के तहत तब से लगभग 10,510 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का विकास किया गया।इस बीच 10-11 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले विपक्षी कांग्रेस इस विशेष मुद्दे पर चौहान सरकार को निशाना बना रही है और 2017 में अमेरिका की यात्रा के दौरान दिए गए अपने बयान के लिए उन पर कटाक्ष कर रही है, जब उन्होंने कहा था, मध्य प्रदेश की सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं।

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