मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गैस पीड़ित चार संगठनों से जुड़े लोग सोमवार को किसान आंदोलन के समर्थन में सड़कों पर उतरे और केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को खारिज करने की मांग की। भोपाल गैस पीड़ितों के संगठन भोपाल गैस पीड़ित स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा, भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन और डाव-कार्बाइड के खिलाफ बच्चे नामक संगठन से जुड़े लोगों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया।
उनका कहना है कि केंद्र सरकार अडानी-अंबानी उद्योगपतियों के साथ सांठगांठ किए हुए है और किसानों के खिलाफ कानून लाई है, यह ठीक वैसे ही है जैसे केंद्र सरकार ने भोपाल गैस हादसे के लिए जिम्मेदार डॉव कैमिकल्स के साथ किया है। भोपाल पीड़ितों की किसानों के साथ समानताएं गिनाते हुए भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष नवाब खान ने कहा, किसानों पर जबरन लादे जा रहे काले कानूनों का असर हर आम भारतीय भुगतेगा, जिस तरह भोपाल हादसे के लम्बित मुद्दों का असर हर भारतीय के जीवन और स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
गैस पीड़ित संगठनों का कहना है कि आंदोलन में शामिल किसानों की तकलीफों को जानबूझ कर तवज्जो नहीं देने का प्रधानमंत्री का रवैया वही है जो भोपाल गैस पीड़ितों के लिए अपनाया जा रहा है। डाव कार्बाइड के खिलाफ बच्चे संगठन के नौशीन खान ने कहा, अब वक्त आ गया है कि देश के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रधानमंत्री का ध्यान खींचने के लिए राष्ट्रीय स्तर का अभियान चलाया जाए। इसकी शुरूआत 27 दिसंबर से सुबह 11 बजे होगी।