मध्यप्रदेश में 24 जून को आया दक्षिण पश्चिम मानसून तीन दिन के दौरान ही निष्क्रिय हो गया और अब बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम बन रहा है, जो राजधानी भोपाल में 30 जून या एक जुलाई तक पहुंचेगा। अर्थात भोपाल को मानसूनी बारिश का चार पांच दिन और इंतजार करना पड सकता है।
स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द, के वरिष्ठ वैज्ञानिक ए. के शुक्ला ने बताया कि 24 जून को मध्यप्रदेश में प्रवेश करने वाले मानसून की रफ्तार धीमी हो गई है। अतएव अपेक्षानुसार वर्षा प्रदेश में नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि अब बंगाल की खाड़ में नया चक्रवात और कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है इसकी वजह से 30 जून या एक जुलाई तक भोपाल में मानसूनी बारिश हो सकती है।
इसी प्रकार अरब सागर से इंदौर संभाग तक पहुंचे मानसून की गति भी धीमी पड़ गई है। गुजरात और महाराष्ट्र में ऊपरी हवाओं में भी एक चक्रवात बना हुआ है। उससे महाराष्ट्र में वर्षा हो रही है। प्रदेश में पिछले चौबीस घंटों में कुक्षी में 50 मिमी, शिवपुरी और करैली में 40 मिमी तथा गारडवारा, छतरपुर एवं खिलचीपुर में 30 मिमी वर्षा रिकार्ड की गयी है।
मानसून के निष्क्रिय अथवा धीमी गति की वजह से प्रदेश में तापमान सामान्य से ज्यादा बढ़ भी सकता है। मौसम विभाग के अनुसार अगले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश में कुछ स्थानों पर तेज हवाओं और गरज चमक के साथ बारिश की बौछारें पड़ सकती है। भोपाल में भी तेज हवा के साथ गरज चमक की स्थिति बन सकती है।