आपको बता दें कि हिंदू संगठन के संत आचार्य दिनेश प्रसाद स्वामी ने कहा, 'हमें मंदिरों से देवी-देवताओं की मूर्तियों को हटाने की जरूरत है। हमें एक नया धर्म बनाने की जरूरत है।' यह टिप्पणी 28 अगस्त को की गई थी और गुजरात में 'सनातन धर्म' समूहों ने इसकी जबरदस्त आलोचना की थी।इसके चलते उन तस्वीरों को हटाया गया, जिनमें भगवान हनुमान को 19वीं सदी के संत सहजानंद स्वामी, जो स्वामीनारायण संप्रदाय के संस्थापक भी थे, के सामने हाथ जोड़कर घुटने टेकते हुए दिखाया गया था। दिलच्सप बात यह है कि इस विवाद पर बीजेपी ने चुप्पी साध रखी है। जबकि पार्टी ने 'सनातन धर्म' पर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी की बड़े पैमाने पर निंदा की थी।