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कांग्रेस अधिवेशन में बड़ा फैसला, CWC का नहीं होगा चुनाव, सदस्यों को नामित करेंगे पार्टी प्रमुख

कांग्रेस की संचालन समिति ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से फैसला किया कि पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों का चुनाव नहीं होगा, बल्कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सदस्यों को नामित करने के लिए अधिकृत होंगे।

कांग्रेस की संचालन समिति ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से फैसला किया कि पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों का चुनाव नहीं होगा, बल्कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सदस्यों को नामित करने के लिए अधिकृत होंगे। संचालन समिति की बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा मौजूद नहीं थे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी दिन में करीब तीन बजे रायपुर पहुंचे। प्रियंका गांधी बाद में पहुंचेगीं। कांग्रेस ने अपने संविधान में इस संशोधन का प्रस्ताव दिया है कि कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी के स्थायी सदस्य होंगे। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के साथ ही, मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी स्वत: पार्टी की नयी कार्य समिति के सदस्य हो जाएंगे। लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस के नेताओं को भी कार्य समिति में स्थान देने का प्रस्ताव है। अगर संविधान में संशोधन के इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो सीडब्ल्यूसी में मौजूदा 25 स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ जाएगी।
खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद कार्य समिति के स्थान पर संचालन समिति का गठन किया गया था। संचालन समिति की करीब तीन घंटे की बैठक के बाद पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सीडब्ल्यूसी के चुनाव के संदर्भ में हुए फैसले की जानकारी दी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संचालन समिति ने सर्वसम्मति से तय किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकार दिया जाए कि वह कार्य समिति के सदस्य नामित करें।’’ उनका कहना था, ‘‘कांग्रेस के संविधान के 16 प्रावधानों और 32 नियमों में संशोधन का प्रस्ताव है।’’ उन्होंने यह भी बताया, हम कांग्रेस के संविधान में संशोधन ला रहे हैं जिसके तहत पार्टी के संगठन में सभी स्तर पर अनूसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए सीडब्ल्यूसी में 50 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित और सुरक्षित करने का प्रस्ताव है। पिछले साल उदयपुर में हुए पार्टी के चिंतन शिविर में कांग्रेस संगठन के विभिन्न स्तरों पर इन वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का प्रस्ताव दिया गया था, हालांकि आज महाधिवेशन के पहले दिन सीडब्ल्यूसी में भी कमजोर वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का प्रस्ताव दिया गया। रमेश ने बताया कि संचालन समिति की बैठक में सीडब्ल्यूसी के चुनाव को लेकर करीब ढाई घंटे तक मंथन किया गया और इसमें करीब 45 सदस्य शामिल हुए। उन्होंने कहा, ‘‘कई सदस्यों ने सीडब्ल्यूसी के चुनाव के संदर्भ में कई सदस्यों ने पक्ष तो कई ने विपक्ष में राय जाहिर की…चर्चा के दौरान सहमति थी, लेकिन अंतिम निर्णय सर्वसम्मति से किया गया।’’
रमेश के अनुसार, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटियां सर्वसम्मति से लिए गए इस निर्णय को अपना समर्थन देंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संचालन समिति के ज्यादातर सदस्यों ने दोनों हाथ उठाकर निर्णय समर्थन किया। सूत्रों का कहना है कि बैठक में कई सदस्यों ने इस संशोधन का प्रस्ताव दिया जिसके अंतर्गत कांग्रेस सदस्यों के लिए वर्जित नशीले पदार्थों के सेवन की पाबंदी हो और साथ ही, कुछ लोगों की राय थी कि शराब पीने पर रोक वाले प्रावधान को संशोधित किया जाए। संचालन समिति की बैठक से गांधी परिवार के दूर रहने के संदर्भ में सूत्रों का कहना है कि यह इसलिए हुआ ताकि इस अहम बैठक में ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष’ चर्चा हो सके। चुनाव होने की स्थिति में सीडब्ल्यूसी के कुल 25 सदस्यों में से 12 सदस्यों का चुनाव होता है और 11 सदस्यों को पार्टी अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किया जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल का नेता सीडब्ल्यूसी का स्वत: सदस्य होता है। वैसे पिछले कुछ समय से यह परंपरा रही है कि सीडब्ल्यूसी का चुनाव नहीं कराकर अध्यक्ष को ही सदस्यों को नामित करने के लिए अधिकृत कर दिया जाता है।

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