कुछ दिन पहले ही देश में उपचुनावों के नतीजे सामने आए थे और अब उस पर राजनीति का सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शुक्रवार को दावा किया कि दादरा और नगर हवेली (एसटी) सीट पर हुए लोकसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कलाबेन डेलकर की जीत को शिवसेना अपनी जीत के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है, जबकि उन्होंने शिवसेना का चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं किया।
डेलकर के चुनाव चिह्न की जांच की
नारायण राणे ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी द्वारा महाराष्ट्र के बाहर पहली लोकसभा सीट जीतने का दावा करने के बाद उन्होंने डेलकर के चुनाव चिह्न की जांच की। भाजपा नेता ने कहा, “मैंने उनके चुनाव चिह्न की जांच की तो पता चला कि उन्होंने (डेलकर ने) ‘बल्लेबाज’ चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था, न कि शिवसेना के धनुष और तीर के चिह्न से।’’
शिवसेना में चार दशक बिताने के बाद राणे कांग्रेस होते हुए अंत में भाजपा में शामिल हुए थे। राणे ने कहा, ‘शिवसेना को किसी और की जीत का श्रेय लेने की आदत पड़ी हुई है। उन्होंने अब हास्यास्पद दावे करना शुरू कर दिया है कि वे दिल्ली पर कब्जा कर लेंगे।’’ राणे शिवसेना में रहते हुए कुछ महीनों के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी बने थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे के कारण 56 सीटें जीती थी
राणे ने कहा कि शिवसेना ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे के कारण 56 सीटें जीती थी। अब यह पार्टी आठ से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी। हाल ही में हुए उपचुनाव में डेलकर ने अपने निकटतम भाजपा प्रतिद्वंद्वी महेश गावित को 51,269 मतों के अंतर से हराया था।
मुंबई के एक होटल में गत फरवरी में पति की कथित आत्महत्या के बाद सहानुभूति की लहर पर सवार, कलाबेन डेलकर (50) को 1,18,035 वोट मिले, जबकि गावित को 66,766 मतों से संतोष करना पड़ा था।