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बिहार को ईस्टर्न जोन का हेडक्वार्टर बनाया जाए ताकि डेयरी के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा एक्टिविटी यहां हो सके : मुख्यमंत्री

हेडक्वार्टर बिहार को बनाया जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा एक्टिविटी डेयरी के क्षेत्र में यहां हो सके। इससे बिहार के लोगों में आत्मविश्वास बढ़ेगा।

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में 47वें डेयरी इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस 2019 का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन डेयरी एसोसिएशन को इस सम्मेलन का यहां आयोजन करने के लिए धन्यवाद देता हूॅ। इस सम्मेलन से संबंधित इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ0 जी0एस0 राजौरिया ने विस्तारपूर्वक बातें आपके सामने रखी हैं। उन्होंने कहा कि यहां जिस जगह पर इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है, यह अपने आप में एक आईकॉनिक बिल्डिंग है। यहां 5 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है। यह स्टील स्ट्रक्चर बिल्डिंग है, इसमें एफिल टावर से दोगुना स्टील का इस्तेमाल हुआ है। सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के अंतर्गत ज्ञान भवन के निचले तल्ले पर आपलोगों के द्वारा प्रदर्शनी भी लगायी गयी है, वह भी अपने आप में भव्य है। सभ्यता द्वार और चण्डाशोक से धम्माशोक बनने की अशोक की सांकेतिक मूर्ति भी अपने आप में अद्भुत है। देश में पहला अंतर्राष्ट्रीय म्यूजियम बिहार संग्रहालय भी अपने आप में एक अद्भुत संरचना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की 89 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है, जिसमें से 76 प्रतिशत लोग आजीविका के लिए आज भी कृषि पर निर्भर हैं। कृषि के साथ-साथ डेयरी, फिषरीज को अपनी आजीविका का साधन बना रहे हैं। वर्ष 2008 में पहला कृषि रोड मैप बनाया गया, वर्ष 2012-17 में दूसरा कृषि रोड मैप और वर्ष 2017 में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी द्वारा तीसरे कृषि रोड मैप की शुरुआत की गई। कृषि रोड मैप में कृषि के साथ-साथ बिजली, सड़क एवं अन्य चीजों के विकास के लिए योजनायें बनायी गई हैं और उस पर काम किया जा रहा है। बिहार में बेहतर यातायात के लिए अच्छी सड़कें और पुल पुलियों का निर्माण किया गया है। गांवो को पक्की सड़कों से जोड़ा गया है। गांवों के अंदर पक्की गली-नाली का निर्माण किया जा रहा है, हर घर तक नल का जल उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है। हर घर तक बिजली पहुंच गई है। इन सब चीजों से गांवों में रहने वाले लोगों को अपने कारोबार में सहुलियत हो रही है। हमलोगों का उद्देश्य है कि किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन भी बेहतर ढंग से करें ताकि उनकी आमदनी बढ़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संकट के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है। जहां पहले बिहार में 12 सौ से 15 सौ मी0मी0 बारिष होती थी, पिछले 13 वर्षों से यहां औसत वर्षा 800 मी0मी0 से थोड़ी अधिक हो रही है। हालांकि पर्यावरण को नष्ट करने में बिहार के लोगों की भूमिका नहीं है लेकिन दुनिया में पर्यावरण से छेड़छाड़ का दुष्प्रभाव हमें भी भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए क्रॉप साइकिल (फसल चक्र) के लिए यहां अनुसंधान हो रहा है। उन्होंने कहा कि पटना में जब डेयरी प्रोजेक्ट बना तो उस समय श्वेत क्रांति के जनक डॉ0 कुरियन साहब से भी सहयोग लिया गया। वर्ष 2005 में जहां कॉम्फेड के द्वारा 4 लाख लीटर दूध प्रतिदिन सप्लाई किया जाता था। दिसंबर 2018 तक यह बढ़कर 20.46 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है। उन्होंने कहा कि मिल्क पाउडर के निर्माण के लिए बिहारशरीफ में ही एक केंद्र को स्थापित किया गया है। यहां 22 हजार 700 दुग्ध सहकारी सोसाइटी हैं, जिससे 12 लाख लोग जुड़े हुए हैं, उसमें ढाई लाख महिलाएं हैं।

हमलोगों का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक इस कार्य से महिलाएं जुड़ें। इंडियन डेयरी एसोसिएशन, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीच्यूट करनाल, इन सभी संस्थाओं से मेरा निवेदन है कि लोगों की आमदनी कैसे बढ़े इस पर काम किया जाए। इस कॉन्फ्रेंस का लक्ष्य भी यही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से ऑर्गेनिक खेती बेहतर है। ऑर्गेनिक खेती के लिए बॉयो फर्टिलाइजर एवं बॉयो पेस्टिसाइड्स के लिए गाय के गोबर और गोमूत्र की काफी उपयोगिता है। किसानों को अगर प्रेरित किया जाए तो दूध से जितनी आमदनी होती है, उससे दोगुनी आमदनी गाय के गोमूत्र और गाय के गोबर के उपयोग से होगी। बिहार में पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है और यहां पर पशु विज्ञान केंद्र बनाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके द्वारा पशुपालन से जुड़ी जानकारी लोगों को मिलेगी, जिससे पशु संरक्षण और उसकी उपयोगिता बढ़ाने के लिए किसान प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में ऑर्गेनिक फॉर्मिंग के द्वारा आलू और फूलगोभी का साइज और उसकी क्वालिटी दोनों की प्रशंसा पहले की जा चुकी है।

अमेरिका के नॉबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ इंस्टुंग्लेट ने बिहारशरीफ के एक किसान के द्वारा की जा रही जैविक खेती को देखा था और वहां के उत्पाद को देखकर काफी प्रभावित हुए, तब उन्होंने कहा था कि बिहार के किसान कृषि वैज्ञानिकों से ज्यादा समझदार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन डेयरी एसोसिएशन ने ईस्टर्न जोन में दुग्ध उत्पादन में बिहार को सबसे अव्वल बताया है। हमारा उद्देश्य है जल्द से जल्द देश के प्रथम तीन स्थानों में दुग्ध उत्पादन में बिहार का नाम शामिल हो। उन्होंने इंडियन डेयरी एसोसिएशन से निवेदन किया कि ईस्टर्न जोन का हेडक्वार्टर बिहार को बनाया जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा एक्टिविटी डेयरी के क्षेत्र में यहां हो सके। इससे बिहार के लोगों में आत्मविश्वास बढ़ेगा। कुरियन साहब के योगदान से जो यहां डेयरी के क्षेत्र में काम शुरु हुआ, वह इंडियन डेयरी एसोसिएशन के सहयोग से और आगे बढ़ेगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया गया। मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने 47वीं डेयरी इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस 2019 सोवेनियर का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने डेयरी के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए पैट्रॉन अवार्ड, फेलोशीप अवार्ड, बेस्ट वुमेन डेयरी इंटरप्रेन्योरषिप अवार्ड एवं क्वालिटी मार्क अवार्ड से लोगों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के पष्चात ज्ञान भवन के निचले तल्ले में डेयरी से संबंधित लगायी गयी प्रदर्षनी का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन कर उसका अवलोकन किया।

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस, इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ0 जी0एस0 राजौरिया, चेयरमैन एन0डी0डी0बी0, आनंद, श्री दिलीप रथ, चेयरमैन आई0डी0ए0 ईस्टर्न जोन डॉ0 रघु चटोपाध्याय ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन की डायरेक्टर जेनरल मिसेज कैरोलिन, बिहार पशु विश्वविद्यालय के कुलपति श्री रामेश्वर सिंह, कॉम्फेड की एमडी डॉ0 शिखा श्रीवास्तव, सेक्रेटरी जेनरल 47वां डेयरी इंडस्ट्रीज कॉन्फ्रेंस, पटना श्री सुधीर कुमार सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, अन्य पदाधिकारीगण, सहित अनुसंधानकर्तागण अन्य दुग्ध उत्पादनकर्तागण, पुरस्कार विजेता एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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