पटना स्थित सीबीआई की एक विशेष अदालत ने आज एक राष्ट्रीयकृत बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक को रिश्वत के मामले में कुल एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा के साथ छह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश सतेंद्र पांडे ने मामले में सुनवाई के बाद पंजाब नेशनल बैंक की पटना स्थित मुरादपुर शाखा के तत्कालीन प्रबंधक वीरेन्द मोहन सहाय को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को 18 माह के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।
आरोप के अनुसार, ब्यूरो के अधिकारियों ने 20 मार्च 2006 को दोषी को बैंक के एक ग्राहक से उसका टर्म लोन जारी करने के बदले दस हजार रुपये की रिश्वत लेते एक अन्य अभियुक्त के साथ गिरफ्तार किया था। मामले के दूसरे अभियुक्त लोन ऑफिसर देवेन्द कुमार की मृत्यु विचारण के दौरान हो गई थी। ब्यूरो के विशेष लोक अभियोजक अविनाश कुमार ने बताया कि अभियोजन ने आरोप साबित करने के लिए अदालत में 14 गवाहों के बयान दर्ज करवाए थे।