Bilkis Bano Case: 11 दोषियों को दी गई सजा में छूट के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को रखा सुरक्षित

Bilkis Bano Case: 11 दोषियों को दी गई सजा में छूट के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को रखा सुरक्षित
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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 2002 के गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार करने और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों को दी गई छूट के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

जानिए क्या था पूरा मामला

गुजरात सरकार ने 15 अगस्त, 2022 को उन 11 दोषियों को रिहा कर दिया, जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। मामले में सभी 11 आजीवन कारावास के दोषियों को 2008 में उनकी सजा के समय गुजरात में प्रचलित छूट नीति के अनुसार रिहा किया गया था। मार्च 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान, बानो के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया और उसकी तीन साल की बेटी सहित उसके परिवार के 14 सदस्यों को मरने के लिए छोड़ दिया गया। जब दंगाइयों ने वडोदरा में उनके परिवार पर हमला किया तब वह पांच महीने की गर्भवती थीं।

राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने दोषियों को दी थी सजा में छूट

बिलकिस बानो और अन्य ने 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। कुछ जनहित याचिकाएं दायर कर 11 दोषियों को दी गई छूट को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इससे पहले, गुजरात सरकार ने अपने हलफनामे में दोषियों को दी गई छूट का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने जेल में 14 साल की सजा पूरी कर ली है और उनका "व्यवहार अच्छा पाया गया"। राज्य सरकार ने कहा था कि उसने 1992 की नीति के अनुसार सभी 11 दोषियों के मामलों पर विचार किया है और 10 अगस्त, 2022 को सजा में छूट दी गई और केंद्र सरकार ने भी दोषियों की रिहाई को मंजूरी दे दी।

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