कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी को बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल के बोगतुई गांव में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जहां इस सप्ताह की शुरुआत में तीन महिलाओं और दो बच्चों समेत आठ लोगों को कथित तौर पर जिंदा जला दिया गया था। लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी और पार्टी के अन्य सदस्यों को बीरभूम जिले में स्थित गांव के पास श्रीनिकेतन मोड़ पर रोक दिया गया, जिसके बाद वे सड़क पर बैठ गए।
कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर कोई जोखिम नहीं उठा सकते
उन्होंने मांग की कि उन्हें गांव का दौरा करने और मृतकों के परिजनों से मिलने की अनुमति दी जाए। जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ”हम उन्हें (चौधरी को) बोगतुई जाने की अनुमति नहीं दे सकते क्योंकि जल्द ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गांव पहुंचने वाली हैं। हम कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर कोई जोखिम नहीं उठा सकते, जो फिलहाल नियंत्रण में है। हमें डर है कि उनकी (चौधरी की) यात्रा से शांति बाधित हो सकती है।
घटना के बाद पांच परिवारों के करीब 69 लोग पड़ोसी गांवों में चले गए
अतिरिक्त महानिदेशक (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी गांव पहुंचा। इस बीच, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उन ग्रामीणों से मुलाकात की, जो घटना के बाद बोगतुई से भाग गए थे । अधिकारियों ने उन्हें पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद पांच परिवारों के करीब 69 लोग पड़ोसी गांवों में चले गए थे।
उन्होंने कहा, ”वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उनसे बात की है और उन्हें पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया है। उनमें से ज्यादातर लोग लौटने लगे हैं। मुख्यमंत्री अपने दौरे के दौरान उनमें से कुछ लोगों से मिल सकती हैं।”